जजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकता है शिअद!

10/1/2019 7:57:44 AM

डेस्कः  हरियाणा में पिछले साल अप्रैल से विभिन्न सियासी दलों के बीच गठबंधन बनने और गठबंधनों की गांठ खुलने का सिलसिला लगातार जारी है। बसपा ने जींद उपचुनाव के बाद इनैलो से गठबंधन तोड़ा। संसदीय चुनाव के बाद बसपा ने लोसुपा का साथ छोड़कर अपने नए साथी के रूप में जजपा से हाथ मिला लिया लेकिन उसे अपना यह नया साथी भी रास नहीं आया और अगस्त माह में जजपा से गठबंधन तोड़ लिया। संसदीय चुनाव गठबंधन पर लडऩे वाले आप और जजपा का गठबंधन भी लम्बे वक्त नहीं चला। भाजपा व शिरोमणि अकाली दल के बीच होने वाले गठबंधन में तो बात सिरे चढऩे से पहले ही दरार आ गई। अब एक बार फिर विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद कुछ नए गठबंधनों की सुगबुगाहट सामने आ रही है।

गौरतलब है कि प्रदेश में 21 अक्तूबर को चुनाव है और नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया 27 सितम्बर से जारी है,जो 4 अक्तूबर तक चलेगी। ऐसे में इस दौरान नए गठबंधन के अस्तित्व में आने की चर्चाएं जोरों पर हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में पहले इनैलो से मिलकर चुनाव लडऩे वाले शिरोमणि अकाली दल का एस.वाई.एल. मुद्दे पर संबंध विच्छेद हो गया था और पिछले संसदीय चुनाव में भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने वाले शिअद को विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन की पूरी उम्मीद थी,मगर जब इस पर पानी फिर गया तो अब शिअद द्वारा जजपा के साथ गठबंधन की तैयारी है। हालांकि जजपा द्वारा जारी 2 सूचियों में कुल 22 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया जा चुका है। जानकारी अनुसार शिअद व जजपा के बीच इस संभावित गठबंधन को लेकर दोनों दलों के बड़े नेताओं की अहम बैठक रविवार को नई दिल्ली में हो चुकी है,जिसमें दोनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर चर्चा हुई है और अब इसको अंतिम रूप देने के साथ-साथ गठबंधन की घोषणा मंगलवार को संभावित है।

चाचा के बाद अब भतीजे के साथ जा सकता है शिअद
गौरतलब है कि इनैलो व शिरोमणि अकाली दल मिलकर चुनाव लड़ते रहे हैं। इनैलो व शिअद ने 2009 व 2014 का विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था। इनैलो ने 90 में से 88,जबकि शिअद ने 2 सीटों पर चुनाव लड़ा। 2009 व 2014 में अकाली दल के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की पर 2 साल पहले सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दे को लेकर इनैलो व शिअद के रिश्तों में दरार आ गई। गौरतलब है कि पंजाब में पिछले लम्बे अरसे से शिअद का भाजपा के साथ गठबंधन है,पर अभी कुछ दिन पहले अकाली दल के विधायक बलकौर सिंह के भाजपा के पाले में जाने के बाद पहली बार भाजपा और शिअद के रिश्तों में खटास आई। 

अकेले लडऩे का साहस नहीं जुटा पाया शिअद
हरियाणा में इनैलो से गठबंधन टूटने के बाद शिरोमणि अकाली दल अकेले चुनाव लडऩे से पीछे हटता रहा। न तो शिअद ने पिछले साल मेयर चुनाव लड़ा और न ही इस साल जनवरी में जींद उपचुनाव लड़ा। शिअद के नेताओं ने संसदीय चुनाव से पहले दावे किए थे कि वे प्रदेश की 10 में से आधी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे,पर संसदीय चुनाव में शिअद ने भाजपा को समर्थन दिया। इसके बाद भाजपा के साथ गठबंधन सिरे न चढऩे पर विधानसभा चुनाव अकेले लडऩे का ऐलान किया था पर अब जजपा के साथ गठबंधन की कवायद से जाहिर हो गया है कि हरियाणा में अभी तक शिअद अकेले चुनाव लडऩे का साहस नहीं जुटा पाया।

Isha