बढ़ते कोरोना का असर: साई ने स्थगित किया खेलो इंडिया यूथ गेम्स- 2021, फरवरी में होना था आयोजन

punjabkesari.in Tuesday, Jan 11, 2022 - 07:46 PM (IST)

पंचकूला (उमंग/धरणी): बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए जहां हरियाणा सरकार ने पूरे प्रदेश में सख्ती को बढ़ा दिया है। वहीं भारतीय खेल प्राधिकरण ने हरियाणा के जिला पंचकूला में होने वाले खेलो इंडिया यूथ गेम्स-2021 को स्थगित कर दिया है। देश व प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है। तीसरी लहर में सामने आए कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन व कोरोनावायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। बता दें कि 5 फरवरी 2022 से 14 फरवरी 2022 तक "खेलो इंडिया यूथ गेम्स हरियाणा-2021" का आयोजन किया जाना था। जिसे स्थगित कर दिया गया है। फिलहाल अभी नई तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है।
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गौरतलब है कि पंचकूला में खेलो इंडिया यूथ गेम्स के चौथे संस्करण के सफल आयोजन के लिए 31 दिसंबर तक सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई थी। 5 फरवरी से 14 फरवरी 2022 तक होने वाले इन खेलों में 25 प्रकार के विभिन्न खेलों का आयोजन किया जाना था, जिनमें देश भर से लगभग 10 हजार खिलाड़ी भाग लेने वाले थे। इन खेलों का शुभारंभ 5 फरवरी को पंचकूला के सेक्टर-3 स्थित ताऊ देवीलाल स्टेडियम में होना तय था। पंचकूला के साथ-साथ अंबाला, शाहबाद, चंडीगढ़ और दिल्ली में इन खेलों का आयोजन किया जाना तय हुआ था।

हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि खेलो इंडिया गेम्स के तहत 25 प्रकार के विभिन्न खेल आयोजित किए जाने थे। इसमें 20 खेल ऐसे हैं जो पहले से आयोजित किए जा रहे थे। इसके अलावा इस बार पांच प्रादेशिक खेल भी जोड़े गए थे, जिनमें पंजाब का गतका, मणिपुर का थांग-ता, केरल का कलारीपयट्टू, महाराष्ट्र का मलखंभ और योगासन शामिल था। इन खेलों के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का प्रावधान था, जिसमें 150 करोड़ रुपये बुनियादी ढांचे के विकास के लिए और 100 करोड़ रुपये अन्य उपकरणों व सुविधाओं के लिए खर्च किए जा रहे थे। सभी खेलों के अनुसार विकसित किए जा चुके हैं। बुनियादी ढांचे की सभी तैयारियां निर्धारित समय अर्थात 31 दिसंबर तक पूर्ण कर ली गई थी। खिलाडिय़ों के ठहरने, खाने पीने और परिवहन की संपूर्ण व्यवस्था का प्रबंध था। अधिकतर खेलों के फाइनल मुकाबले 8 फरवरी से शुरू होने शेड्यूल में थे।

संदीप सिंह ने बताया कि सरकार हर वर्ष खेलों के बजट में वृद्धि कर रही है। वर्ष 2014-15 में खेलों का बजट जहां 151 करोड़ रुपए था वह आज 2021-22 में 394 करोड रुपए हो गया है, जो कि दोगुना से भी अधिक है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 'कैच दैम यंग' पॉलिसी के तहत बचपन से ही खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए 500 खेल नर्सरियां, जो कोविड-19 के कारण बंद हो गई थी उनको फिर से शुरू किया गया है। इसके अलावा, 500 और खेल नर्सरियों को विकसित किया जाएगा।

संदीप सिंह ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर खेल स्टेडियमों का नवीनीकरण किया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार द्वारा मैपिंग भी करवाई जा रही है और जहां जहां खेल स्टेडियमों की संख्या कम है, वहां आवश्यकतानुसार खेल स्टेडियम बनाए जाएंगे। ओलंपिक खिलाडिय़ों को तैयारी के लिए राज्य सरकार द्वारा 5 लाख रुपये की राशि एडवांस में देने की  पहल को भी खिलाडिय़ों ने सराहा है। इसके अलावा हरियाणा अकेला ऐसा प्रदेश है जहां देश ही नहीं दुनिया में ओलंपिक विजेता खिलाडिय़ों को सर्वाधिक राशि इनाम स्वरूप दी जाती है। खेलों में हो रही हरियाणा की प्रगति को देखते हुए अन्य प्रांत भी हरियाणा की खेल नीति का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने हर जिले के एक स्टेडियम में दिव्यांग खेल कॉर्नर बनाने की घोषणा की है। खिलाडिय़ों को मानसिक और शारीरिक रूप से खेलों के लिए तैयार करने के लिए पंचकूला में साइंटिफिक ट्रेनिंग एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर बनाया जा रहा है। इसके अलावा, करनाल, हिसार, रोहतक और गुरुग्राम में भी इस तरह के केंद्र स्थापित किये जाएंगे।


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Content Writer

Shivam

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