3 राज्यों में जीत से हरियाणा में कांग्रेस को मिली संजीवनी

12/12/2018 9:24:52 AM

चंडीगढ़(पांडेय): देश के 3 राज्यों में कांग्रेस की जीत का असर हरियाणा में भी देखने को मिल रहा है। इस जीत से जहां हरियाणा के कांग्रेसियों में खुशी का माहौल है तो वहीं सत्तारूढ़ भाजपा खेमे में मायूसी नजर आ रही है। इन तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत का असर भविष्य में हरियाणा की राजनीति पर भी देखा जा सकता है। वजह साफ है कि अगले साल ही हरियाणा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक दलों ने इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी है। राजनैतिक पंडितों की मानें तो यह चुनाव परिणाम हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा के लिए खतरे के संकेत हैं।


मंगलवार को सचिवालय में दिखा सन्नाटा मंगलवार को कांग्रेस के पक्ष में नतीजे आने के बाद हरियाणा सिविल सचिवालय में सन्नाटे की स्थिति नजर आई। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को छोड़कर कोई भी मंत्री सचिवालय नहीं पहुंचा। जबकि मंगलवार को सभी मंत्रियों की मौजूदगी दफ्तरों में होती है। पिछले चार साल से भाजपा द्वारा देश में किसी भी कार्यक्रम के दौरान राजस्थान, मध्यप्रदेश व हरियाणा की उदाहरण दी जाती थी। आज घोषित हुए परिणाम के बाद भाजपा के पास केवल हरियाणा ही बचा है। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह मिशन-2019 का आगाज कर चुके हैं। बदले हुए हालातों में सत्तारूढ़ भाजपा को भी अब हरियाणा में नई रणनीति के तहत अपनी राजनीति को आगे बढ़ाना होगा, ताकि राजस्थान व मध्यप्रदेश जैसी स्थिति का यहां पर सामना न करना पड़े।


राजस्थान में हरियाणा के नेताओं ने भी किया था प्रचार हरियाणा के कई नेताओं ने पड़ोसी राज्यों में चुनाव प्रचार किया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने राजस्थान में कई सभाएं की थी। इसके अलावा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुर्जेवाला व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी राजस्थान व अन्य राज्यों में सक्रिय रहे। दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा व कृषि मंत्री ओ.पी. धनखड़ अन्य कई नेताओं ने भी पड़ोसी राज्यों में चुनाव प्रचार किया था।

 

Rakhi Yadav