संक्रमण काल में संक्रांति, मांझे की डोर से परिंदे हुए घायल

1/15/2021 8:31:16 AM

यमुनानगर : मकर संक्रांति का पर्व उत्साह से मनाया गया। करीब 10 महीने बाद ये पहला त्यौहार है जिस पर कोरोना का असर नहीं दिखा, लेकिन उत्साह और उल्लास के इस पर्व के बीच कुछ पक्षी भी घायल हुए। इंसानों को लेकर स्थिति सुखद रही। इसके अलावा परिंदे भी मांझे में उलझकर जमीन पर गिरे मिले। ओ.पी. जिंदल पार्क के नजदीक बने श्मशान घाट में जैन जीव दया केन्द्र के सदस्य दिनभर मौजूद रहे, ताकि घायल परिंदों को इलाज दिया जा सके और उसकी जान बचाई जा सके। गुरुवार को जिले का माहौल भी बदला नजर आया। दिन की शुरूआत लोगों ने धार्मिक स्थलों पर माथा टेककर की। 

यमुना किनारे स्नान किया गया और प्रभु को याद किया गया। ध्यान रहे पंजाब केसरी ग्रुप ने इस वर्ष चाइनिज डोर को न प्रयोग करने के लिए मुहिम चलाई थी। लोगों ने जागरूकता का परिचय दिया और ये ही वजह है कि इस बार सब ठीक ठाक रहा। डी.सी. मुकुल कुमार ने भी इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस बार शहर में पतंगबाजी कम ही दिखी। हालांकि ग्रामीण एरिया में पतंगबाजी जोरों पर थी। छतों पर बच्चे, बड़े और महिलाएं पतंगबाजी करते नजर आए। कई जगह तो डी.जे. की धुन पर डांस किया जा रहा था। इस बार अधिकतर उन लोगों ने पतंगबाजी की जो अन्य शहरों से आकर यहां रह रहे हैं। ये लोग तो रक्षाबंधन के दिन भी पतंगबाजी कर रहे थे। गुरुवार को अगर दशहरा ग्राऊंड की बात की जाए तो यहां पर बच्चे खिली धूप में क्रिकेट खेल रहे थे। ग्राऊंड बच्चों से खचाखच भरा था। कुछ बच्चे खाने-पीने के साथ मस्ती में भी लगे थे। 

दान पुण्य की परंपरा रही कायम
मकर संक्रांति के मौके पर दान-पुण्य की परम्परा भी कायम रही। लोगों ने अमावस्या के कारण कई अधिक गुना दान किया। लोगों ने मंदिरों के अंदर और बाहर बैठे लोगों को अपने ही हिसाब से उपहार भेंट किए। फुटपाथ पर बैठे लोगों का भी ध्यान रखा गया। समाज सेवियों ने लोगों को अन्न, गर्म कपड़े, तिल, जों व घरेलू सामान दिया। इसके अलावा गौशाला में भी समाज सेवियों की भीड़ लगी रही। शहर में जगह जगह लंगर भी लगाए गए। 

Manisha rana