संत राम सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर ऐसा दिए थे अंतिम प्रवचन, बोले- 'किसाना दे खेत न खोये जान'(VIDEO)

12/17/2020 3:19:09 PM

सोनीपत: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार ली  जिस वजह से उनकी मौत हो गई है। उन्होंने सिंघु बॉर्डर के पास आत्महत्या की है। बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। उनका एक सुसाइड नोट भी सामने आया है। इसी बीच बाबा ने सिंघु बार्डर पर आखिरी बार प्रवचन करते हुए कहा कहा था कि मैं कुछ दिन पहले भी यहां आया था। सड़कों पर किसान अपने हक के लिए भटक रहे हैं। सरकार द्वारा जो बिल पास किए गए है वह गलत है। इन  बिलों के कारण किसान की रोटी, खेती छीन ली जाएगी। किसान सरकार से मांग करने के लिए नहीं आए बल्कि अपना हक लेने आए हैं।



बाबा ने कहा कि सरकार को किसानों का हक नहीं मारना चाहिए। 20 दिन से किसान सड़क पर किसान टप्परीवासियों की तरह बैठे है।ये गलत है। धरने में न कोई हिंदू है न सिख और न मुसलमान। ये लड़ाई किसान की है, जो सबको अन्न देते है। औरते, बच्चे भी कड़कती हुई ठंड में सड़कों पर बैठे हैं। सरकार को किसानों का हक उन्हें दे देना चाहिए। 



बता दें कि एक दिन पहले ही संत बाबा राम सिंह ने गुरनाम सिंह चढूनी से 45 मिनट तक मुलाकात की थी , और किसानों के मुद्दे पर बात की थी और वो किसानों की हालत देखकर उनकी स्थिति जानने का प्रयास कर रहे थे।  संत के जाने से अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई। हर किसी ने मोर्चरी पर पहुंच नम आंखों से उन्हें नमन किया। देर रात तक अनुयायी गुरु नाम का जाप करते रहे।


बाबा ने सुसाइड नोट में लिखा है क‌ि किसानों के समर्थन में कोई पदक वापस कर रहा है तो कोई अवार्ड, मैं अपना बलिदान दे रहा हूं..।अनुयायियो ने कहा की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।  ये सुसाइड नहीं है ये कुर्बानी है  इसके खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। मौके पर डीएसपी राजीव कुमार एसडीएम आयुष सिन्हा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

Isha