किसानों के लिए कुर्बानी देने वाले संत बाबा राम सिंह पंचतत्व में हुए विलीन (VIDEO)

12/18/2020 1:46:17 PM

करनाल (विकास): केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले संत बाबा राम सिंह पंचत्तवो में विलिन हो गए। निसिंग के गांव सिंघड़ा में पांच फीट ऊंचे चबूतरे पर उनका अंतिम संस्‍कार किया गया। सिंघड़ा गांव में देश-दुनिया के हजारों लोग एकत्रित हो रहे हैं।


10 हजार लोगों ने किए अंतिम दर्शन
बीते रोज भी करीब 10 हजार लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। आज यानी कि शुक्रवार को सुबह ग्‍यारह बजे से उनके अंतिम संस्‍कार की प्रक्रिया शुरू होगी। अंतिम संस्‍कार आज इससे दो दिन पहले ही करनाल के मेडिकल हॉस्पिटल में संत राम सिंह के शव का पोस्टमार्टम हुआ था।  बता दिया जाए कि, रामसिंह ने बीते बुधवार की शाम उस वक्‍त खुद को गोली मार ली, जब वह सिंधु बॉर्डर पर किसानों के साथ आंदोलनरत थे। उन्‍होंने कहा था कि, वो किसानों की मौजूदा हालत से काफी दुखी हैं। सरकार के कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे। मैं इस पीड़ा में ही जान दे रहा हूं।' ऐसा कहने के कुछ ही देर बाद उनकी लाश बरामद हुई।

दुनियाभर में लाखों की संख्या में है अनुयायी
सिंघड़ा में उनका डेरा है राम सिंह गांव 65 वर्ष के थे। वह सिंघड़ा के रहने वाले थे और यहीं उनका डेरा भी है। यही वजह है कि, वह सिंगड़ा वाले बाबा जी के नाम से भी मशहूर थे। सिंगड़ा हरियाणा के करनाल जिले का ही एक गांव है। रामसिंह के हरियाणा-पंजाब के अलावा दुनियाभर में लाखों की संख्या में अनुयायी हैं। वे सभी सिंघड़ा पहुंच रहे हैं। बताया जाता है कि, रामसिंह कई सिख संगठनों में अलग-अलग पदों पर रह चुके थे। राम सिंह सिंगड़ा वाले डेरे के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में प्रवचन करने के लिए जाते थे।

 

  

Isha