पढ़े लिखे सरपंच ही नहीं होना चाहते ''डिजिटल'', किया ई-प्रणाली का विरोध

3/18/2018 9:01:59 PM

जींद(विजेंदर): ई-पंचायत प्रणाली के विरोध में सरपंच लामबंद हो गए हैं। सरकार ने भले ही सभी पंचायतों के सरपंचों को पढ़ा-लिखा ही चुना है, लेकिन इन्हीं सरपंचों में से कुछ का कहना है कि ये 'ई-मेल, फीमेल' सरपंचों की समझ से परे हैं। अर्थात सरपंच पढ़े लिखे तो हैं पर डिजिटल नहीं होना चाहते हैं। ऐसे में पढ़ी लिखी पंचायत ही सरकार को दर्द दे रहीं हैं।

सरपंचों ने पंचायती कामों को बंद कर सरकारी कामों का बहिष्कार का एलान किया है। रविवार को जींद में सरपंचों की प्रदेश स्तर की मीटिंग हुई, जिसमें ई-पंचायत प्रणाली को सरकार से वापस लेने की मांग करते हुए सामूहिक रूप से इस्तीफा देना की चेतावनी दी है। हरियाणा में लगभग 6500 पंचायते हैं और जींद जिले में लगभग 300 से ज्यादा पंचायतें हैं।

सरपंचों ने विरोध जताते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने गावों में  इंटरनेट और ग्राम सचिवालय सुविधा नहीं की है, ऐसे में ई-प्रणाली कैसे कामयाब होगी। सरपंचो का आरोप है कि ई-प्रणाली योजना बिना तैयारी के थोपी जा रही है।



रविवार को जींद की जाट धर्मशाला में हुई मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए जींद सरपंच एसोसिएशन ने बताया कि गांवों में विकास कार्य ठप पड़े हैं। कार्यों के लिए सरकार की तरफ से बजट नहीं मिल रहा है। अब सरकार ई-पंचायत प्रणाली ला रही है, जो गांवों के विकास में पूरी तरह से बाध्य है। उन्होंने कहा कि 18 मार्च से ही प्रदेशभर में सरपंचों ने विकास कार्य रोक दिए हैं। पंचायत से संबंधित कार्यों का रिकॉर्ड किसी अधिकारी को भी नहीं सौंपा जाएगा।

गौरतलब है की जब से सरकार ने डिजिटल इंडिया के सपने के साकार करने के लिए ये प्रणाली लागू करने की बात कही है तब से सरपंच सड़को प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे में बड़ा सवाल है की सरकार की एक बहुत बड़ी योजना को गांव की सरकार ही पलीता लगा रही है।

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