पानीपत में CM का विरोध करने का फैसला सरपंचों ने लिया वापस, जानें क्या बताई वजह

2/4/2023 6:11:41 PM

पानीपत(सचिन) : रविवार को जिले के गांव कुराना में जगत गुरु ब्रह्मानंद गौशाला में आयोजित वार्षिक उत्सव कार्यक्रम में पहुंचने पर सीएम का विरोध करने का फैसला सरपंचों ने वापस ले लिया है। इसराना में 27 दिन से धरने पर बैठे सरपंचों ने अब अपने कार्यक्रम में बदलाव कर दिया है। धरने पर बैठे सरपंचों ने कहा कि गौशाला में सामाजिक कार्यक्रम होने की वजह से और गौशाला समिति द्वारा निवेदन करने के बाद सरपंच एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री का विरोध नहीं करने की बात कही है।

 

सरपंचों को लेकर दिए गए बयान का भी सरपंचों ने किया विरोध

 

बता दें कि ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल को लेकर विरोध कर रहे सरपंचों ने पानीपत पहुंचने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का विरोध करने का ऐलान किया था। वहीं अब अपने कार्यक्रम में बदलाव करते हुए सरपंच एसोसिएशन ने अपने फैसले को वापस ले लिया है। वहीं ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे सरपंचों को लेकर मुख्यमंत्री के बयान पर भी एसोसिएशन ने नाराजगी जताई। 31 मार्च के बाद विरोध कर रहे सरपंचों के हिस्से का फंड दूसरे सरपंचों को देने के मुख्यमंत्री के बयान को लेकर सरपंचों ने कहा कि यह पैसा पीआरआई से आया है। गांवों में विकास कार्य के लिए यह राशि केंद्र सरकार से मिली है। सरपंचों को मिली इस ग्रांट में खट्टर सरकार का कोई रोल नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब केंद्र सरकार की ओर से सरपंचों के लिए ग्रांट जारी की गई है। प्रदेश सरकार इसे लेकर झूठी वाहवाही लूटने में लगी हुई है।

 

ई-टेंडरिंग से पहले भी पारदर्शिता से काम कर रहे थे सरपंच : एसोसिएशन

 

वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा ई-टेंडरिंग को पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रहित काम करने के लिए आवश्यक बताने पर भी सरपंच एसोसिएशन ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते है कि ई-टेंडरिंग के जरिए पारदर्शिता से काम होगा। सरपंचों ने कहा कि ई-टेंडरिंग से पहले भी सरपंच पारदर्शी तरीके से काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग को वापस नहीं लिए जाने तक सरपंचों का धरना लगातार जारी रहेगा।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan