विकास ने की भाजपा की मिट्टी पलीत, ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा #बेटी बचाओ भाजपा से

8/7/2017 12:26:47 PM

चंडीगढ़:आई.ए.एस. अधिकारी की बेटी से छेड़छाड़ और पीछा करने के केस में फंसे हरियाणा भाजपा अध्यक्ष सुभाष के बेटे विकास बराला के मामले में भाजपा की खूब किरकिरी हो रही है। इस मामले ने इतना तूल पकड़ लिया है कि ये ट्विटर पर भी ट्रैंड करने लगा है। जिस पर हर कोई अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। जहां भाजपा का नारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं है, उसी को निशाने पर लेते हुए अब इस मुद्दे के बाद ये नारा कुछ इस तरह ट्रेंड कर रहा है #बेटी_बचाओ_भाजपा_से  

प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट कर अपहरण की कोशिश की धाराओं को हटाने पर कहा कि यह एक तरह से बहुत दुख की बात है।

हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि बेटे के पाप के लिए भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला को सजा नहीं दे सकते। इस पर टस्सीट करते हुए व्यकित ने कहा कि एेसी सोच रखने वाले राज्य में बेटियां कैसे सुरक्षित महसूस कर सकती हैं। 

मंत्री बनने की चर्चा में पुत्र ने धोए अरमान 
बच्चों के कारण कई राजनीतिक हस्तियों की राजनीति प्रभावित होती रही है। ताजे प्रकरण में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला, जिनका हरियाणा और राष्ट्रीय भाजपा में मजबूत रुतबा है। उनके बेटे के विवादों में आने के बाद उनकी अध्यक्ष पद की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। एक अरसे से बराला को लेकर चर्चा थी कि भविष्य में होने वाले फेरबदल में उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। उनके पुत्र के विवाद से भाजपा के अंदर सम्मानीय प्रतिद्वंदी व विपक्षी नेताओं को बैठे बिठाये राजनीतिक वॉर का मौका मिल गया है।

इन धाराओं में किया बदलाव
भाजपा के हरियाणा अध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास पर लगे छेड़छाड़ मामले में पुलिस ने दर्ज धाराओं में बदलाव कर दिया। आईएएस की बेटी से शुक्रवार रात साढे़ 12 बजे छेड़छाड़, पीछा करने और शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में पुलिस ने विकास बराला और उसके साथी को गिरफ्तार किया। 24 घंटे के भीतर पुलिस ने पहले आरोपियों को मौके से गिरफ्तार किया फिर उन पर आपीसी की धारा 341, 365 और 511 के तहत मामला दर्ज किया था लेकिन अगले कुछ ही पल में पुलिस ने धाराओं में बदलाव भी कर दिया। चंडीगढ़ ईस्ट के डीएसपी सतीश कुमार ने बयान जारी करते हुए धारा 365 और 511 को हटाने की बात कही। 

क्यों हटाई गई धाराएं ?
विकास बराला और उसके साथी पर दर्ज धाराओं में बदलाव करने पर भी डीएसपी सतीश कुमार ने बयान दिया। डीएसपी ने तर्क दिया कि पीड़िता की शिकायत में अपहरण और गलत तरीके से रोकने का जिक्र नहीं है जिसके बाद उनपर दर्ज धाराओं में बदलाव किया गया है। जहां पहले आरोपियों पर गैरजमानती धाराएं लगाई गई थीं वहीं बाद में उन धाराओं में बदलाव करते हुए थाने से ही उन्हें जमानत दे दी गई।