होटलों को ‘आशिकी के अड्डे’ कहें या ‘कैसिनो’, सरेआम चलता है शराब और शबाब

7/28/2018 11:11:40 AM

फतेहाबाद: मोरनी के गैस्ट हाउस में जिस्मफिरोशी के धंधे को लेकर पूरे राजनीतिक गलियारों और अफसरशाही में इसकी गूंज अभी तक भी जारी है। इससे सबक लेने की बजाय, पुलिस ने फतेहाबाद स्थित होटलों, गैस्ट हाऊसों की चैकिंग करना भी उचित नहींसमझा। इसका अंदाजा शाम ढलते ही होटलों के बाहर गाडिय़ों की लगी कतारों से आप लगा सकते हो। होटलों में शराब, शबाब सरेआम उपलब्ध करवाया जाता है। गाडिय़ों में भी पियक्कड़ों को होटलों के  बाहर देखा जा सकता है। यह गैर-कानूनी धंधा पुलिस के अफसरों की मेहरबानी के बिना नहीं चल सकता। 

फतेहाबाद के होटलों में जुआ, क्रिकेट सट्टा, नशा, हत्या आदि कई मामले जगजाहिर हो चुके हैं। बावजूद इसके पुलिस द्वारा कोई सघन अभियान चला कर इन होटलों की चैकिंग नहीं की जाती। पुलिस की ढुलमुल कार्यशैली इस बात को प्रमाणित कर रही है कि होटल वाले पुलिसिया अधिकारियों से ताबड़तोड़ सैटिंग है। पुलिस वालों की मेहरबानी का होटल संचालक जमकर लुफ्त उठा रहे है। एक तरफ तो पुलिस ने नशे के खिलाफ युद्ध स्तर पर अभियान चलाया हुआ है दूसरी तरफ होटलों पर मेहरबानी पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े कर रही है।

नशे और अपराध का गढ़
होटलों में गैर-कानूनी धंधे चलना कोई नई बात नहीं है। इसका उदाहरण कई पिछले समय रंग-रलियां मनाते हुए और जुआरियों के पुलिस द्वारा पकड़े जा जा चुके हैं। होटलों में ‘लालपरी’ से लेकर सब तरह का नशा आसानी से मुहैया करवा रहे हैं, होटल संचालक। होटलों में घंटों के हिसाब से रूम का चार्ज वसूला जा रहा है। हालांकि यहां पर एक बात ङ्क्षचतनीय है कि फतेहाबाद में न तो कोई बड़ी औद्योगिक इकाइयां और न ही बड़ा ही पर्यटन स्थल है फिर भी होटलों में कमरे बुक रहते हैं। 
 

अफसरी बगार शैल्टर देती है होटलों को
पंजाब केसरी से विशेषबात में इस बात का खुलासा करते हुए एक पुलिस जवान ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि जब भी वी.वी.आई.पी. का आगमन शहर में होता है तो होटलों में कमरे बुक करवा दिए जाते है वो भी बिल्कुल फ्री। वी.वी.आई.पी. के साथ जो भी सहायक या फिर अंगरक्षक होते हैं उनके लिए हर तरह की व्यवस्था होटल संचालक करवाते हैं।
 

Deepak Paul