निजी स्कूल बसों के खिलाफ चलाया अभियान

8/24/2022 10:49:20 AM

गुड़गांव / पटौदी, (ब्यूरो): एसडीएम पटौदी की अगुवाई में मंगलवार को निजी स्कूल बसों के खिलाफ अभियान चलाया गया। इस दौरान स्कूलों बसों के चालान काटे गए और अगले 15 दिनों में इन बसों की अनियमितताओं को दूर करने के निर्देश जारी किए गए। इस अवसर खंड शिक्षा अधिकारी भी मौजूद रहे। इससे पूर्व भी अधिकारियों द्वारा निजी स्कूल बसों के चालान काटे थे लेकिन निजी स्कूल संचालक इतने बेखौफ है कि एक बार की चेतावनी के बाद भी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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एसडीएम पटौदी को निजी स्कूल बसों के संचालन में अनियमितता की लगातार सूचनाएं मिल रही थी। इसके चलते वो लगातार औचक निरीक्षण कर बसों के बारे में जानकारी ले रहे हैं। हैरत की बात है कि जिस भी बस को चेक किया जाता है उनमें कोई न कोई कमी मिल ही रही है।

 

इन स्कूलों की बसों का निरीक्षण

एसडीएम प्रदीप कुमार के अनुसार मंगलवार को उन्होंने स्वयं बीईओ डाक्टर धर्मपाल व अन्य कर्मचारियें ने डिवाइनडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शेरपुर, सनराईज हाईस्कूल जट शाहपुर, एमडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गदाईपुर के स्कूलों में निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल बसों में अनियमितता मिली। स्कूल के संचालकों को बसों को अनियमितता को दूर करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। उनके अनुसार निजी स्कूल बसों में फस्ट एड बॉक्स, सीसीटीवी, चालक परिचालक की पुलिस वेरिफिकेशन, चालक का लाइसेंस, बस का वैध रजिस्ट्रशन सर्टिफिकेट होना आवश्यक है। पूर्व डीपीएस स्कूल हेलीमंडी, एमडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गदाईपुर के स्कूल में चल रही बसों में कमियां पाई गई थी। जिनके खिलाफ कार्यवाही की गई थी। एसडीएम पटौदी प्रदीप कुमार ने कहा कि ऐसे सभी स्कूलों के खिलाफ जरूरी कार्यवाही की जाएगी जा बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बसों को जब्त भी किया जा सकता है।

 

नहीं करते परवाह

पटौदी ब्लॉक में निजी स्कूल संचालक प्रशासन और अधिकारियों के आदेशों को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं। इसका स्पष्ट का उदाहरण चेकिंग के दौरान मिला। जितने भी स्कूलों की बसों को चेक किया गया उनमें कमियां पाई गई। इससे पूर्व भी स्कूल बसों में कमियां मिली थी। उस दौरान भी एसडीएम प्रदीप कुमार और खंड शिक्षा अधिकारी ने मीडिया के जरिए सभी स्कूलों को जल्द जल्द अपनी स्कूल बसों के कागजात व अन्य कमियों को पूरा करने की बात कहीं थी लेकिन इस औचक निरीक्षण में भी किसी स्कूल ने कमियों को पूरा नहीं किया। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि निजी स्कूल संचालक अधिकारियों को कितनी भाव दे रहे हैं।

Content Writer

Pawan Kumar Sethi