सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन की नई पहल, पतियों को ‘एसपी’ से ‘पीएस’ बनाएगी महिला हितेषी पंचायत

punjabkesari.in Saturday, Dec 14, 2024 - 06:36 PM (IST)

चंडीगढ: महिलाओं व बेटियों को समाज में नई पहचान दिलाने के लिए काम कर रही सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा नई पहल करते हुए महिला हितेषी पंचायत अभियान शुरू करने का फैसला किया गया है। जिसके चलते जनता द्वारा चुनी गई महिला जनप्रतिनिधियों को उनके वास्तविक अधिकारों की पहचान करवाते हुए स्वयं जनता के हित में फैसले लेने के लिए प्रेरित किया जाएगा। 

इस सामाजिक बदलाव के बाद महिला सरपंचों के पति एसपी की बजाए पीएस की भूमिका में नजर आएंगे। सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन के संस्थापक एवं महिलाओं के हित में देशभर में 75 से अधिक अभियान चलाने वाले सुनील जागलान ने बताया कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब व कई राज्यों में आज भी महिलाएं भले ही सरपंच बन जाती हैं लेकिन धरातल पर उनके पति ही सरपंच की भूमिका में रहते हैं। 

गांवों में ऐसे लोगों को सरपंच पति ‘एसपी’ कहा जाता है। इसके उलट महिला हितेषी पंचायत अभियान के माध्यम से अब पतियों को ‘पीएस’ यानि पर्सनल सेकेट्री बनाया जाएगा। जागलान ने बताया कि पिछले करीब छह माह से वह तथा उनकी टीम उन गांवों का दौरा कर रही है जहां महिलाएं सरपंच अथवा पंच हैं। लगभग 90 फीसदी गांवों में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर महिलाएं चुनाव जीतने के बाद घर के चूल्हे-चौंके में ही व्यस्त रहती हैं और उनके पति ही सरपंच या पंच बनकर काम कर रहे हैं।

जनता द्वारा चुने जाने के बावजूद यह महिलाएं जनता विशेषकर महिलाओं के हित में फैसले नहीं ले सकती हैं। जिसके चलते सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा हरियाणा में महिला हितेषी पंचायत अभियान को शुरू किया जा रहा है। जींद जिले के गांव बीबीपुर से देश की पहली डिजिटिल महिला हितेषी व बाल हितेषी पंचायतों की शुरूआत करने वाले सुनील जागलान ने बताया कि सरपंच पति की परंपरा देशभर में एक कुप्रथा बन चुकी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लोकसभा में पारित किया गया नारी वंदन अधिनियम 2029 से लागू होगा। इससे पहले सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन द्वारा देशभर में पंच वर्षीय योजना के तहत महिलाओं को सही मायने में गांव की सरकार बनाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि हरियाणा में पंचायती राज व्यवस्था के तहत भले ही महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जा चुका है लेकिन यहां भी 40 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो चुनाव जीतने के बाद भी सरपंच के अधिकारों से वंचित हैं।
 
अभियान में क्या होगा खास 
केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए नारी शक्ति वंदन बिल को ध्यान में रखकर तैयार किए गए इस अभियान के अंतर्गत सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन की टीम द्वारा गांवों में महिला ग्राम सभा, महिला संवाद, महिलाओं को पंचायत के संवैधानिक 29 अधिकारों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा पुरूषों को पितृ सत्ता के उलट जाकर महिला हितेषी होने का एहसास  दिलाया जाएगा।उन्होंने कहा कि हमने सरंपच पति शब्द का प्रयोग करने वालो के लिए एहसास का सॉफ़्टवेयर तैयार किया है जिससे उनके पितृसत्ता का वायरस समाप्त हो जाऐगा ।

ग़ौरतलब है कि  दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुनील जागलान हरियाणा राज्य के जींद ज़िले के बीबीपुर गॉंव के वही सरपंच हैं जिन्होंने  वर्ष 2012 में बेटी बचाओ अभियान शुरू हुआ एवं उनके द्वारा शुरू किए गए सेल्फ़ी विद् डॉटर अभियान की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 9 बार मन की बात व अमेरिका व इंग्लैंड के कार्यक्रमों में सराहना की । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा 100 वें ऐतिहासिक मन की बात के एपिसोड में इनसे बातचीत कर अभियान के लिए बधाई भी दी थी । 

अभी सुनील जागलान पर बनी  राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म सनराइज़ को अमेरिका की हावर्ड व येल यूनिवर्सिटी में भी दिखाया गया था  ।  सुनील जागलान पर कई भाषाओं में डॉक्यूमेंटरी फ़िल्म के अलावा दूरदर्शन पर सीरियल भी बन चुका है , इसके साथ ही आठवीं कक्षा में आईसीएसई बोर्ड में उनका पाठ भी आ चुका है । सुनील जागलान अब तक महिला सशक्तिकरण से जुड़े 75 अभियान शुरू कर रिकार्ड बना चुके हैं ।

अभी हाल ही में डिबीयर्स लंदन द्वारा उन्हें महिलाओं के लिए कार्य करने के लिए 35 लाख रूपए का पुरस्कार भी दिया गया था ।उनके बीबीपुर मॉडल को पूर्व राष्ट्रपति प्रापणों मुखर्जी द्वारावदेश के 100 गॉंवो में लागू किया था ।


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Content Writer

Isha

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