हरियाणा में फिर गर्मा सकता है अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मुद्दा

2/4/2020 11:40:09 AM

डेस्क: लंबे समय से प्रदेश की राजनीति में हलचल मचाता रहा अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का मुद्दा जो शांत चल रहा था अब उसके फिर से गर्माने के आसार दिखाई दे रहे हैं और ऐसा पंजाब सरकार के रुख के बाद इस मुद्दे को नई ऑक्सीजन देने से हुआ है। पंजाब सरकार ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर करके कहा है कि हरियाणा के मौजूदा हालातों के अनुसार वहां अलग गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की जरूरत है।

पंजाब सरकार द्वारा इस संबंध में हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के फैसले का समर्थन किए जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल में जहां बैठकों का दौर शुरू हो गया है, वहीं भाजपा सरकार जो इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डला समझ रही थी उसकी निगाहें पर इस मुद्दे पर लग गई हैं। बता दें कि एस.जी.पी.सी. के चुनाव गृह मंत्रालय द्वारा करवाए जाते हैं और एस.जी.पी.सी. पहले ही चुनाव के लिए केंद्र को पत्र भेज चुका है। हरियाणा में इस समय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अधिकार क्षेत्र में कुल 52 गुरुद्वारे हैं। जिनमें ऐतिहासिक महत्व वाले 7 गुरुद्वारे हैं।

इन गुरुद्वारों का सालाना बजट करोड़ों में हैं। हरियाणा से कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अम्बाला, सिरसा, हिसार, जींद, डबवाली व करनाल समेत आठ एस.जी.पी.सी. सीटों पर 11 सदस्य हैं। मौजूदा समय में हरियाणा में केसधारी सिखों की संख्या करीब 45 लाख और एस.जी.पी.सी. मतदाताओं की संख्या करीब 16 लाख होने का दावा किया जा रहा है। 
 

Isha