कल्याण के संचालन में पहला ऐसा सेशन होगा जो पूरी तरह से शांतिप्रिय व अनुशासित स्थिति में चल रहा है
punjabkesari.in Saturday, Mar 15, 2025 - 06:32 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी) : बेहद शालीन,मधुर,स्पष्टवादी एवं मुखर अंदाज के लिए जाने जाने वाले हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण अपनी बेहतरीन व निष्पक्ष कार्यवाही के लिए अल्प समय में अमिट छाप छोड़ रहे हैं।बिना किसी भेदभाव के हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष कल्याण की कार्यप्रणाली की विपक्षी भी सराहना किए बिना नहीं रहते। मधुर भाषाशैली- सौम्य व्यवहार और मिलनसार रवैया खूब अखबारों में सुर्खियां भी बन रहा है।
पूरी तरह से पार्टी एवं प्रदेश समर्पित भावों से ओतप्रोत कल्याण फिलहाल बतौर विधानसभा अध्यक्ष पहले सत्र का नेतृत्व कर रहे हैं और फिलहाल की स्थिति अगर कहें तो यह पहला ऐसा सेशन होगा जो पूरी तरह से शांतिप्रिय व अनुशासित स्थिति में चल रहा है।
सत्र के दौरान बीच-बीच में कई बार ऐसी स्थितियां बनी जब विधानसभा के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा एक दूसरे पर निजी कटाक्ष भी किए गए, आरोप भी लगाए गए। स्थितियां जिस वक्त भी हद पार करने के नजदीक पहुंची विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण द्वारा सभी सम्मानित सदस्यों (सत्तापक्ष- विपक्ष) को ऐसी संतुलित शब्दावली में अनुशासन की मर्यादा को समझने की चेतावनी दे दी गई कि मौका तुरंत संभल गया।
इस सेशन के दौरान जहां अनुशासन की तलवार विपक्ष ने अपने ऊपर लटकी देखी वही सत्ता पक्ष को भी यह समझने में देर ना लगी कि उनके खिलाफ भी कार्रवाई होते देर नहीं लगेगी यानि पूरी तरह से बैलेंस तरीके से इस प्रकार का सत्र चलाया जा रहा है कि जिसमें किसी प्रकार का भेदभाव विपक्ष को नहीं दिख रहा। इसी कारण से सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण की तारीफ किए बगैर नहीं दिख रहे। जिस वक्त भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष की चेयर के लिए हरविंदर कल्याण की घोषणा की थी, मीडिया और अखबारों में स्वयं विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं के बयानों से ही यह साफ हो गया था कि इस नाम से उन्हें कोई एतराज नहीं था। बल्कि उन्होंने भाजपा के इस कदम को परोक्ष रूप से सही बताया था।
हाल ही में एक तो बार देखा गया कि सत्र के दौरान जनता व प्रदेश के हितों के मुद्दों पर चर्चा की बजाए एक दूसरे पर कटाक्ष और आरोप लगाए जा रहे थे, और इस प्रकार का आचरण वह लोग कर रहे थे जिन्हें कई कई बार विधानसभा के सदस्य चुनकर जनता द्वारा भेजा जा चुका था। जिस पर वरिष्ठ विधायकों में तनातनी के भी आसार कई बार बनते नजर आए, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण के अनुभव ने तुरंत गर्माए माहौल को संतुलित कर डाला।
हरविंदर कल्याण द्वारा ऐसे विधायकों को तुरन्त अल्टीमेटम दिया गया। उनकी एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुई, जिसमें वह कह रहे थे कि हाउस ठीक ढंग से चले यह मेरी जिम्मेदारी है और मैं सभी सदस्यों को कई बार बोल चुका हूं कि कोई भी सदस्य सीमा से बाहर ना जाए, यह सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है और खास तौर पर चाहे सत्ता पक्ष में हो या विपक्ष में जो भी सीनियर लोग हैं उनकी यह जिम्मेदारी ओर भी बढ़ जाती है।
क्योंकि ऐसे किसी भी प्रकार के आचरण का असर नए सदस्यों पर पड़ता है और यह बिल्कुल भी एक्सेप्टेबल नहीं है। इस सदन में कोई भी कटाक्ष व्यक्तिगत नहीं होना चाहिए। यहां केवल विषय की बात रखें, मेरी सभी से रिक्वेस्ट है कि हाउस की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए बात की जाए, क्योंकि स्तिथि अगर खराब होती है तो किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे सदन की साख खराब होती है और सदन की साख को गिराने का अधिकार किसी को नहीं है, चाहे वह कोई भी हो।
हम केवल जनता के प्रतिनिधि, सदन की असली मालिक जनता : कल्याण
कल्याण ने कहा था सभी को यह बात याद रखनी चाहिए कि हम जनता के प्रतिनिधि हैं और यहां की असली मालिक जनता है, जिन्होंने हमें यहां प्रतिनिधि बनाकर भेजा है। इसलिए प्रतिनिधि के रूप में जनता की जरूरतो और समस्याओं व प्रदेश के बेहतर भविष्य के लिए ही बात होनी चाहिए। उनके यह शब्द किसी एक व्यक्ति या पार्टी के लिए नहीं थे बल्कि सदन में बैठे हर व्यक्ति के लिए थे चाहे वह सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का ही विधायक क्यों ना हो यानि यह अनुमति स्वयं सत्ताधारी दल के विधायकों को भी नहीं दी जा रही कि वह सदन की मर्यादा लांघे।
अगर यह कहे कि विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण की नजर में सभी सदस्य बराबर है तो बिल्कुल भी गलत नहीं होगा। विधानसभा अध्यक्ष का यह रुख व व्यवहार शायद जहां सत्ताधारी दल के वरिष्ठ विधायकों को ना भाया हो लेकिन विपक्ष के लोग उनकी खूब सराहना करते हुए नजर आए क्योंकि पूरी तरह से भेदभाव रहित उनका आचरण बहुत कम विधानसभा अध्यक्षों में देखने को मिलता है। जिसमें ना ही पार्टी का दबाव महसूस हुआ और ना ही विपक्ष के प्रति उनके दिल में किसी प्रकार का विचार महसूस हो रहा था।
निर्वाचन क्षेत्र घरौंडा का प्रतिनिधित्व करने वाले हरविंदर कल्याण बेहद सूझबूझ वाले नेता हैं। करनाल जिले के छोटे से गांव कुटेल को अगर कहें कि इस परिवार ने एक बड़ी पहचान दी है तो कतई गलत नहीं होगा। हरविंदर कल्याण के पिता देवी सिंह कल्याण भी सक्रिय राजनीतिज्ञ रहे और वह हरियाणा एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष भी रहे। उस दौरान गांव कुटेल को एक बड़ी पहचान मिली थी। लेकिन विरासत में मिली पिता की राजनीति को हरविंदर कल्याण ने खूब बुलंदियों पर पहुंचाया।
क्षेत्र में बेहद प्रबुद्ध समाजसेवी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले हरविंदर कल्याण लगातार जनता के बीच में रहे, लोगों के दुख दर्द को हमेशा मजबूती से विपक्ष में रहने के दौरान भी सरकार के सामने रखा। 2014-2019 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें घरौंडा से टिकट दी, वह जीते व अपने सौम्य-मिलनसार व्यवहार के कारण मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बेहद विश्वसनीय विधायकों में से एक रहे। 2024 में पार्टी ने फिर से उन पर विश्वास जिताया, वह पार्टी के लिए हैट्रिक लगाने वाले तुरुप के इक्के साबित हुए। उनकी लगन- समर्पण- कर्तव्य निष्ठा- ईमानदार व्यवहार और कुशल नेतृत्व की क्षमता को पहचानते हुए वरिष्ठ नेतृत्व ने उन्हें विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी और वह उम्मीद अनुरूप परिणाम भी दे रहे हैं।
हरविंदर कल्याण के ससुर महाराष्ट्र में 4 बार रह चुके हैं विधायक
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के वह बेहद लाडले विधायक रहे और अब मौजूदा मुख्यमंत्री नायबसिंह सैनी के भी बेहद नजदीकी व्यक्ति माने जाते हैं। सिविल इंजीनियर की शिक्षा ग्रहण कर चुके हरविंदर कल्याण के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वह महाराष्ट्र के महान राजनीतिज्ञ मनोहर नाईक के दामाद है। हरविंदर कल्याण की धर्मपत्नी रेशमा कल्याण के पिता मनोहर नाईक महाराष्ट्र की विधानसभा पुसाद से चार बार विधायक चुने जा चुके हैं, इसलिए उन्हें राजनीतिक शतरंज के मंझे हुए एक उत्तम क्वालिटी के खिलाड़ी मान जाते हैं।