NGO के अध्यक्ष पर जानलेवा हमला करने वालों को सात साल कैद
punjabkesari.in Tuesday, Sep 02, 2025 - 07:57 PM (IST)

गुड़गांव, (ब्यूरो): डोर-टू-डोर वेस्ट कलेक्शन के नाम पर चल रही धांधली को उजागर करने वाले शंखनाद फाउंडेशन के अध्यक्ष पर हमला करने वालों को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार दीवान की अदालत ने सात साल कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने उन पर जुर्माना भी लगाया है।
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जानकारी के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2021 को पालम विहार थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति को घायल अवस्था में कोलंबिया एशिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल के बयान लिए। घायल देव कुमार ने बताया कि वह शंखनाद फाउंडेशन एनजीओ के अध्यक्ष हैं। साल 2019 में फाउंडेशन ने पाया था कि MGC क्षेत्र में घरों से कूड़ा उठाने का ठेका वर्ष-2039 तक देने के बावजूद भी नगर निगम वार्ड-2 की पार्षद शंकुलता का परिवार कूड़ा उठवाने का कार्य अपने स्तर पर करा रहे हैं। नगर निगम द्वारा जिस ठेकेदार को क्षेत्र से कूड़ा उठाने के लिए जो टैंडर दिया गया है उसे कार्य ही नहीं करने दिया जा रहा। फाउंडेशन के अध्यक्ष देव ने इस पर आपत्ति जाहिर करते हुए पार्षद की मनमानी के खिलाफ आवाज उठाई। आरोप था कि इसकी आवाज दबाने के लिए नवीन (जो कूड़ा उठाने का काम करता है) ने इसे जान से मारने की धमकी दी व पिस्टल लेकर इसके ऑफिस आया।
बाद में नवीन द्वारा माफी मांगने पर इन्होंने आपस में राजीनामा कर लिया, परन्तु फिर से नवीन ने इसे धमकी देने शुरू कर दिया तो इसने सीएम विंडो पोर्टल पर शिकायत दे दी। फिर नवीन इसे शिकायत वापिस लेने की धमकी देने लगा, इसने शिकायत वापस लेने से मना कर दिया तो इसे जान से मारने की धमकी दी। 7 अक्टूबर 2021 को यह अपने ऑफिस के सामने झाड़ू लगा रहा था तो 2 लड़के एक तरफ से व 4 लड़के दूसरी तरफ से बाइक पर सवार होकर आए और इसे जान से मारने की धमकी देते हुए इसको लाठी डंडों पीटने लगे, जिससे इसके हाथ पैरों में फ्रेक्चर हो गया व शरीर पर विभिन्न चोंटें आई।
पालम विहार थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 7 आरोपियों पालम विहार निवासी भारत भूषण उर्फ मनी, नवीन यादव, रोहतक के रहने वाले जगदीप नेनी, सतेंद्र, बुलंदशहर उत्तर प्रदेश निवासी शरजील उर्फ सोना, रियान उर्फ बबलू उर्फ मोना व झज्जर निवासी विक्की उर्फ कलिया उर्फ काला को गिरफ्तार किया था। आरोपियों को अदालत में पेश कर जेल भेज दिया। मामला अदालत में चला।
अभियोजन पक्ष ने अदालत में जो सबूत व गवाह पेश किए उनसे आरोपियों पर लगे आरोप साबित हो गए। इस पर अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए धारा 307 आईपीसी के तहत 7 साल की कैद व 50 हजार का जुर्माना, धारा 120B आईपीसी के तहत 7 साल की कैद व 50 हजार का जुर्माना व धारा 323 आईपीसी के तहत 6 महीने कैद व 6000 रुपए का जुर्माना, धारा 325 के तहत 5 वर्ष की कैद व 25 हजार का जमाना व 506 आईपीसी के तहत 2 वर्ष की कैद व 10 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनाई है।