लम्बित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए SGPC ने मांगा अधिक बजट

3/28/2017 10:27:30 AM

कैथल:हरियाणा में एस.जी.पी.सी. के प्रबंधाधीन प्रस्तावित निर्माण कार्यों व योजनाओं के लम्बित पड़े रहने पर हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि एस.जी.पी.सी. सर्वाधिक बजट राशि जारी करे ताकि इन्हें पूरा किया जा सके। जारी बयान में हरियाणा कमेटी के अध्यक्ष जगदीश सिंह झींडा ने कहा कि एस.जी.पी.सी. अपने बजट प्रस्तावों को 29 मार्च को पेश करके चर्चा करने जा रही है। इसलिए हमने मांग की है कि राज्य के सभी लम्बित प्रोजैक्टों के लिए सर्वाधिक बजट जारी किया जाए। 

'बजट पेश तो किया, परंतु नहीं मिला खर्च'
झींडा ने कहा कि एस.जी.पी.सी. हमेशा ही मीरी-पीरी मैडीकल कॉलेज व अस्पताल के लिए बजट एेलान करती रही है परंतु खर्च नहीं किया गया जिस कारण निर्माण अधर में लटका पड़ा है। इसी प्रकार 2010 में कुरुक्षेत्र में उप कार्यालय के लिए भवन की नींव भी रख दी गई परंतु निर्माण नहीं हुआ। इसी प्रकार राज्य के सिख बाहुल्य इलाकों में 4 स्कूल स्थापित किए जाने थे लेकिन इस दिशा में कारगर कदम नहीं उठाए गए। झींडा ने बताया कि हरियाणा कमेटी ने इस संबंध में विस्तृत पत्र एस.जी.पी.सी. के अध्यक्ष किरपाल सिंह बदूंगर को लिखा है। उन्होंने कहा कि हालांकि एस.जी.पी.सी. उनके पत्रों का जवाब कभी नहीं देती लेकिन उन्हें उम्मीद है कि इस बार उन्हें सकारात्मक उत्तर मिलेगा। गौरतलब है कि एस.जी.पी.सी. का चालू वित्त वर्ष 2016-17 का बजट 1,064.14 करोड़ रुपए का पेश किया गया था।

बजट व खर्च पर श्वेत पत्र की मांग दोहराई
हरियाणा सिख गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष जगदीश झींडा ने कहा कि उचित होगा कि एस.जी.पी.सी. अमृतसर पारदर्शिता के दावे तो करती रही परंतु कभी खर्च की जानकारी नहीं दी इसलिए उन्होंने मांग की है कि वह श्वेत पत्र के जरिए यह जारी करे कि हरियाणा से कितना पैसा उन्हें मिला और कितनी राशि कहां-कहां और कब-कब खर्च हुई। झींडा ने कहा कि उनकी कमेटी के पास पाई-पाई का हिसाब है।

सर्वोच्च न्यायालय से हैं यथास्थिति के आदेश
बता दें कि अलग से हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। कोर्ट के आदेशों के यथा स्थिति के आदेशों के चलते हरियाणा कमेटी राज्य के 5 गुरुद्वारों का सामान्य तौर पर प्रबंधन व अन्य गतिविधियां सम्भाल रही है। इस बारे में झींडा ने कहा कि मुकद्दमेबाजी पर बड़ी रकम खर्च की जा रही है जो शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज हित के कार्यों पर खर्च की जा सकती थी।