शाह की रैली में डेरा समर्थकों की नाराजगी पड़ी भारी

2/15/2018 6:24:52 PM

जींद (चन्द्रशेखर धरणी): भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की जीन्द में आयोजित हुंकार रैली में आशा के अनुरूप भीड़ न जुटना चर्चा का विषय बना हुआ है। सिरसा डेरे के प्रमुख राम रहीम के समर्थकों के द्वारा भाजपा को इस रैली में बिल्कुल भी मदद नहीं की गई।  जिसकी स्पष्ट छाप रैली में नजर आई। एकसत्तासीन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रैली में इतनी कम भीड़ का उमडऩा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि डेरा समर्थकों में भाजपा व सरकार को लेकर अंदर ही अंदर रोष पनप रहा है।

सिरसा से लेकर पानीपत, यमुनानगर, अम्बाला व पंचकूला तक पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा को 17 से अधिक विधानसभा सीटों पर जीत दिलवाने वाले राम रहीम के समर्थकों का भाजपा से जीन्द की रैली में मोह भंग नजर आया। हरियाणा के अंदर राम रहीम के समर्थकों की भारी तादाद किसी से भी छुपी नहीं है। वहीं आरक्षण के मुद्दे को लेकर एक समुदाय विशेष से चल रही टकराव की धमक भी जीन्द रैली में स्पष्ट सुनाई दी और इस समुदाय के ज्यादातर लोगों ने रैली से दूरी बनाकर रखी। जिस हिसाब से डेरा समर्थकों व एक समुदाय विशेष की भाजपा से नाराजगी पनप रही है उसके दूरगामी परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।

अमित शाह के आगमन पर आयोजित रैली में हरियाणा भाजपा उम्मीद व दावों के मुताबिक जीन्द में मोटरसाइकिल इक्ठ्ठे करने के मामले में सफल नहीं रही। इस रैली के अंदर अमित शाह ने जहां भाजपा हरियाणा अध्यक्ष सुभाष बराला तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की पीठ खुलेआम थपथपाई और ईमानदारी व सुशासन के मामले में वे सरकार को पूरे नम्बर दे गए वहीं हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्र्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को सीधा निशाने पर लिया। अमित शाह ने हुड्डा द्वारा भाजपा सरकार से चार साल का हिसाब मांगे जाने पर भी मंच से सीधा पलटवार किया तथा कहा कि हम हुड्डा को हिसाब क्यों दें, हम जनता को हिसाब देंगे। अमित शाह ने मंच से आंकड़ों का लेखा-जोखा भी प्रस्तुत किया।

जाट लैंड जीन्द के अंदर भाजपा की हुंकार रैली में भाजपा हरियाणा मीडिया प्रमुख राजीव जैन की जहां सभी कामों में सक्रिय भूमिका रही। वहीं पानीपत के भाजपा नेता संजय भाटिया का रुतबा भाजपा संगठन तथा सरकार में साबित हुआ। संजय भाटिया ने बेहतरीन मंच संचालन किया। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल की वार्ता सफल होने के बाद कांग्रेस, इनैलो तथा आप के द्वारा विरोध व काले झंडे दिखाने की चेतावनी का भाजपा सरकार पर बहुत ज्यादा असर नजर नहीं आया। इनैलो तथा कांग्रेस के सांकेतिक विरोध को देखते हुए पुलिस ने सक्रिय भूमिका निभाई।

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर को जहां जीन्द के अंदर पुलिस ने हिरासत में लिया वहीं कांग्रेस के कोषाध्यक्ष तरुण भंडारी को कुरुक्षेत्र के अंदर हिरासत में ले निजी मुचलके भरवाकर छोड़ा गया। जीन्द का राजनीतिक इतिहास रहा है कि जहां पर चुनावों से पहले अधिकांश पार्टियां अपनी रैलियां करके चुनावी शंखनाद करती हैं। भाजपा ने भी इस क्रम में बाजी मारी। अमित शाह ने जीन्द की रैली में उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं को हाथ ऊपर उठवाकर बंद मुठ्ठी करके दो बार संकल्प करवाया कि आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा को जीत दिलवाएंगे।