क्रिकेट खेलने के लिए कटाने पड़े लड़कों की तरह बाल, अब खेल रही भारतीय महिला टीम में

10/4/2019 4:49:00 PM


रोहतक(दीपक भारद्वाज): भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उभरती हुई हरियाणा के रोहतक की खिलाड़ी शैफाली वर्मा की क्रिकेट में शुरुआत को लेकर अजीब कहानी है। शैफाली में पुरुष प्रधान समाज में देश का नाम रोशन करने का जुनून था, इसलिए लड़की होने के बावजूद लड़कों की तरह बाल कटवा कर खेलती रही। रोहतक की 15 वर्षीय शैफाली को यहां तक पहुंचने के लिए बड़े संघर्ष करने पड़े और लड़की होने के बावजूद लड़कों की तरह बाल कटवा कर पुरुषों में खेलती रही।



भारतीय महिला क्रिकेट टीम में देश का नाम रोशन कर रही बेटी को यहां तक पहुंचने के लिए महिला होना ही बाधा बन गया था। भारतीय टी-20 क्रिकेट टीम में सिलेक्ट हुई रोहतक की 15 वर्षीय शैफाली वर्मा को क्रिकेट सीखने के लिए लड़कों की तरह बाल कटवाने पड़े थे। क्योंकि लड़की होने की वजह से किसी भी अकादमी ने उन्हें कोचिंग देने से मना कर दिया। 



बाद में परिजनों ने शैफाली के लड़कों की तरह बाल कटवाए। इसके बाद काफी समय तक शैफाली लड़की होने के बावजूद भी लड़का बनकर खेलती रही। बेटी के लिए संघर्ष कर रहे पिता को आज अपनी बेटी पर नाज है। क्योंकि आज शैफाली वर्मा भारतीय महिला क्रिकेट टीम में साउथ अफ्रीका से 20-20 खेल रही है।

पिता क्रिकेट खेलते थे, लेकिन गाइडेंस ना मिलने की वजह से मुकाम तक नहीं पहुच पाए थे। पिता बेटी को क्रिकेटर बनाना चाहते थे, लेकिन लोगों की बातों से परेशान होकर उन्हें शैफाली के लड़कों के स्टाइल में बाल कटवाने पड़े थे। शुरू में शैफाली को लड़का बनकर खेलना पड़ा। आज भारतीय टीम की उभरती हुई खिलाड़ी है। 



शैफाली वर्मा की माता परवीन का कहना है कि शैफाली के पिता का क्रिकेट खेलना शौक था। आसपड़ोस के लोग ये कहते थे कि लड़की को बाहर खेलने भेजना ठीक नहीं है। लड़की होने की वजह से शैफाली को नहीं खेलने देते है। एक दिन शैफाली के बाल कटवाए और फिर लड़को में इसलिए खेलने लगी क्योंकि उसे किसी ने नहीं पहचाना।

Shivam