घोटाले छोड़ कर जनता, मजदूरों और मेवात पर ध्यान दे खट्टर सरकार: शिवसेना

6/2/2020 4:33:38 PM

चंडीगढ़ (धरणी): महाराष्ट्र में जब से बीजेपी शिवसेना का गठबंधन टूट कर ठाकरे सरकार बनी है, तब से बीजेपी महाराष्ट्र सरकार पर लगातार हमले कर रही है। लगता है वैसे ही अब शिवसेना ने बीजेपी को पूरे देश में घेरने का प्लान बनाया है। उत्तरप्रदेश में शिवसेना रेल मंत्री पर हमलावर हो रही है, वहीं अब हरियाणा में खट्टर सरकार पर हमलावर हो गई है।

शिवसेना प्रदेश प्रमुख हरियाणा हरकेश शर्मा ने आज खट्टर सरकार पर जोरदार हमला बोला। शर्मा ने कहा कि एक तरफ जहां लॉकडाउन में पूरा देश कोरोना से लड़ने की तैयारी कर रहा था, तब हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी सरकार शराब माफिया चला रही थी, बंद गोदामों से शराब की तस्करी में लगी हुई थी। जब मीडिया के द्वारा इसका खुलासा हुआ तो कमजोर जांच कमेटी बैठा कर उसपे पर्दा डालने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि पूरा प्रदेश जानता है कि तकरीबन 8000 करोड़ के इस शराब घोटाले का मास्टरमाइंड कोंन है?

वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शराब घोटाले की जांच की फाइल भी कमेटी द्वारा लाैटा दी गई है। अगर ऐसा है तो फिर दोषियों पर कार्यवाही में देरी क्यों? क्या खट्टर सरकार अपने लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है या ये राज्य के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के आपसी कलह के कारण दोषियों को छूट मिल रही है?

हरकेश शर्मा ने कहा प्रदेश का मजदूर परेशान हो पैदल ही पलायन को मजबूर हुआ, जिसे राष्ट्र निर्माता बोला जाता है उस मजदूर पर हरियाणा में लाठियां भांजी गई। सरकार में बैठे विधायक पार्षद क्या करते रहे? भूख से मजबूर मजदूर परेशान होता रहा। घास तक खाने को मजबूर हुआ। उन्हाेंने कहा कि खट्टर सरकार राशन डिपो से मुफ्त राशन देने का ढोंग कर रही है और सरकार में बैठे विधायक पार्षदों तक को पता नहीं की डिस्ट्रेस कूपन कब और कहा मिल रहे है। ऐसे में मजदूर को कहा से मालूम होगा।

उन्हाेंने कहा कि जो मजदूर यहां रुके है, उन्हें राशन कार्ड से भी राशन नहीं मिल पा रहा है। बीजेपी मात्र हिंदुत्व का ढोंग करती है, किंतु हिन्दुओं के मुद्दे पर मोन हो जाती है। हरियाणा के मेवात में ही सैकड़ों गांवों से हिन्दू गायब हो गए, दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है। रोज खुले आम गौतस्करी हो रही है, गौरक्षकों को गोलियां मारी जा रही है किंतु खट्टर सरकार शराब के नशे में चूर है उन्हें ये सब दिखाई क्यों नही दे रहा?

ईमानदारी का तगमा लगा कर चलने से कोई ईमानदार नहीं हो जाता। उन्हें ईमानदारी दिखानी ओर साबित भी करनी होती है। अब देखना ये है कि स्वयंघोषित ईमानदार सरकार शराब घोटाले में कितने आरोपियों को सजा दे पाती है?

Edited By

vinod kumar