एक साथ जली तीन फौजियों की चिताएं, गांव दे रहा दोस्ती की मिसाल

12/5/2017 3:27:56 PM

सोनीपत(ब्यूरो):सोनीपत रोहतक रोड पर सिसाना गांव के पास एक कार अौर ट्राले की जबरदस्त टक्कर में 3 फौजियों की मौत से क्षेत्र मेें माहौल गमगीन रहा।इनमें दो  सीआरपीएफ में तो एक बीएसएफ का जवान था। पूरा गांव इनकी दोस्ती की मिसाल देता है। एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते थे, यहां तक कि छुट्टी भी एक साथ ही आते थे। अब तीनों दोस्तों की चिताएं भी एक साथ जली। एक की बीते दिनों शादी हुई थी, वहीं दो की बीवियों ने बेटों को जन्म दिया है। तीनों की मौत से हर ग्रामीण की आंखें नम थी और वह पीड़ित परिवार के सदस्यों को सांत्वना दे रहा था। 

उल्लेखनीय है कि तीनों गांव मोरखेड़ी निवासी मंजीत की शादी में शामिल होने के लिए गए थे। बरात गांव बरोदा में आई थी। बरात में मंजीत के परिवार से ही सीआरपीएफ में नियुक्त प्रदीप व नवीन और बीएसएफ में नियुक्त सोमबीर भी आए थे। वापस लौटते वक्त तीनों जवान समचाना निवासी चालक सतीश के साथ कार में सवार होकर मोरखेड़ी लौट रहे थे। रात के करीब साढ़े 11 बजे कार जब गांव सिसाना के टी प्वाइंट पर पहुंची तो रोहतक की तरफ से तेज रफ्तार में आ रहे ट्राले ने कार को टक्कर मार दी। हादसे में कार सवार चारों गंभीर रूप से घायल हो गए। पीछे आ रहे बरातियों ने उन्हें कार से बाहर निकाला और रोहतक पीजीआई लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने प्रदीप, नवीन व सोमबीर को मृत घोषित कर दिया। कार चालक सतीश का इलाज चल रहा है। ट्राला चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

दो सप्ताह पहले हुई थी नवीन की शादी
हादसे में जान गंवाने वाले नवीन की शादी करीब दो सप्ताह पहले ही हुई थी। करीब एक महीने पहले ही वह शादी के लिए छुट्टी लेकर आया था। 22 नवंबर को ही नवीन की शादी झज्जर जिले के जौनधी गांव निवासी भारती से हुई थी। भारती के हाथों की मेंहदी का रंग भी अभी नहीं उतरा था कि नवीन की मौत की खबर आ गई। नवीन दो भाई हैं लेकिन अब नवीन की मौत के बाद पूरा परिवार बिखर गया है।

एक महीने जन्मे बेटे को देखने के लिए छुट्टी लेकर आय़ा था प्रदीप
प्रदीप की शादी करीब एक वर्ष पहले हुई थी। अभी एक महीने पहले ही उन्हें पुत्र की प्राप्ति हुई थी। गांव वालों ने बताया कि वह अपने बेटे के लिए ही 16 नवंबर को छुट्टी लेकर आया था। अभी वह अपने बेटे को ठीक से प्यार भी नहीं कर पाया कि भगवान ने बेटे के सिर से पिता का साया छीन लिया। प्रदीप रोहतक में ही ड्यूटी करता था।

बेटे की छठी उत्सव मनाने के बाद सोमबीर गया था बारात में
सोमबीर की मां तारावती गांव की प्रधान भी रह चुकी हैं। गांव में ही पढ़ाई के बाद सोमवीर ने शुरू से ही देश सेवा के सपने संजो रखे थे। इसी उम्मीद से वह 2014 में फौज में भर्ती हो गया था। बड़ा बेटा करीब डेढ़ साल का है, वहीं अब छोटे बेटे के जन्म पर खुशी मनाने के लिए छुट्टी लेकर घर आया हुआ था। सोमबीर ने बरात में जाने से पहले अपने बेटे के लिए छठी उत्सव का आयोजन किया था।