यमुना को प्रदूषित करने में लगे झोंपड़ीवासी

8/24/2019 12:54:42 PM

यमुनानगर (रंजना): हरियाणा सरकार के स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान के दावे खोखले नजर आ रहे हैं, क्योंकि पश्चिमी यमुना नहर किनारे झुग्गी-झोंपड़ी वालों ने गंदगी मचा रखी है जिसकी ओर शासन-प्रशासन किसी का भी कोई ध्यान नहीं जाता। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि झुग्गी-झोंपड़ी वालों ने जहां यमुना में गंदगी फैला रखी है, वहीं यमुना किनारे भी इससे अछूते नहीं हैं। क्योंकि उन्होंने वहां पर गंदगी के ढेर लगा रखे हैं। झुग्गी-झोंपड़ी वाले खुले में शौच जाकर गंदगी फैला रहे हैं जिससे जहां वातावरण प्रदूषित हो रहा है, वहीं लोगों का वहां से निकलना भी मुश्किल हो रहा है। लोगों का कहना है कि झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले लोग यमुना को प्रदूषित करने में लगे हुए हैं क्योंकि वह शौचालय जाने के बाद जाकर यमुना में ही हाथ धोते हैं और इसके अलावा गंदे कपड़े भी यमुना नहीं धोते हैं जिससे यमुना के पानी में और भी ज्यादा गंदगी फैल रही है।

पश्चिमी यमुना नहर में ऐसे लोगों द्वारा भारी मात्रा में गंदगी गिराए जाने से शहरवासी परेशान हैं। शहरवासियों अमित दुग्गल, नवीन आहूजा, अश्विनी कत्बोज, नरेंद्र कौशिक व केवल कृ ष्ण आदि लोगों का कहना है कि वह इस बारे में मुख्यमंत्री को शिकायत भेजेंगे ताकि यमुना किनारे फैली गंदगी को साफ करवाया जा सके, और विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। यमुना नहर किनारे लोगों द्वारा भारी कचरे के ढेर लगा रखे हैं और वह वही झुग्गी-झोंपडिय़ों में रहकर खुद भी गंदगी फैला रहे हैं जिसकी वजह से वातावरण को प्रदूषित हो ही रहा है गंदगी के कारण उनकी धार्मिक भावनाओं को भी भारी ठेस पहुंचती है।

ट्रीटमैंट प्लांट होने के बाद भी यमुना में मिल रहा प्रदूषित पानी
शहरवासियों का कहना है कि जितना गंदा पानी सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट से यमुना में जा रहा है उससे कई गुना ज्यादा पानी ऐसे ही नालों के रास्ते पर भी जा रहा है जो लगातार यमुना को प्रदूषित कर रहा है, क्योंकि जो ट्रीटमैंट प्लांट लगाए गए हैं उनसे सीवरेज लाइनों से आने वाला गंदा पानी ट्रीट नहीं होता। सच्चाई यह भी साफ दिखाई देती है कि जितना पानी सीवरेज लाइनों में बहता है उससे कहीं ज्यादा पानी नालों में बहता है।

नहर के पानी की रंगत बदल  देता है नालों का तेजाबी पानी
नगर निगम की ओर से बरसात के सीजन से पहले हर साल जगाधरी से बाईपास होकर यमुना नहर में जाने वाले ट्विन सिटी के सबसे बड़े नाले की सफाई कराई जाती है। शहरवासियों का कहना है कि देखने में आया है कि नाले की सफाई के दौरान कई टन कचरा निकलता है जो कचरा नाले से निकाला जाता है वह फिर से नाले के रास्ते गंदे पानी में बहकर नहर में जाता है। फैक्टरियों का कैमिकलयुक्त पानी भी जो यमुना में जाते ही पूरी यमुना के पानी को प्रदूषित कर देता है। नहर में गिरते ही पानी की रंगत ही बदल देता है। पानी को तेजाबी पानी के रूप में बदल देता है।

क्या कहते हैं अधिकारी
कार्यकारी अभियंता, जल सेवा प्रभाग, हरिदेव कम्बोज कहा कि इस समय 19 जगहों पर गंदा पानी डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि यमुना निगरानी कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद सिंचाई विभाग ने जांच की तो जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में 19 स्थान ऐसे पाए गए जहां सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के सीवरेज व गंदे पानी सहित घरेलू अपशिष्ट को पश्चिमी यमुना नहर में बहाया जा रहा है। अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी अनुपचारित सीवरेज या मल कीचड़ का निर्वहन नहीं करेगा। हमने संबंधित विभागों के अधिकारियों से गंदे पानी के नालों को डब्ल्यू.जे.सी. में रोकने के लिए कहा है। नगर निगम, पब्लिक हैल्थ, बी.डी.पी.ओ. व सरपंचों को नोटिस दे दिए हैं। 
 

Isha