बचपन में सांप ने काटा तो बन गए स्नेक मैन, 20 साल में पकड़े 21 हजार सांप

6/23/2018 6:04:39 PM

करनाल(विकास मेहला): करनाल के गांव फफड़ाना में सतीश कुमार नामक युवक सांपों से ऐसे खेलता है जैसे यह सांप उसके मित्र हो। इस युवक को बचपन में एक सांप ने काट लिया डॉक्टर के पास जाने पर पता चला कि सांप जहरीला नहीं थी, इसलिए तुम्हारी जान बच गई तभी से इस युवक को सांपो के साथ उनकी प्रजातियों के बारे में जानने की लालसा पड़ गई। तभी से युवक सांप पकड़ने में माहिर हो गया। जो सांपोॆं को पकड़ने के बाद उन्हें  जंगलों में सुरक्षित छोड़ देता है। अपनी मेहनत व् काबिलियत  के बल पर यह युवक बड़े बड़े माहिरों को मात दे रहा है। 

सतीश ने लोगों तक पहुंचने के लिए एक रोचक तरीका निकाला है। उन्होंने हरियाणा के हर जिले की लगभग हर नाई की दुकान पर अपना पोस्टर लगा रखा है। जिसमें उसने अपना मोबाइल नंबर दे रखा है। इस नंबर पर फोन करके कोई भी सतीश की सेवाएं ले सकता है। वे मुफ्त में अपनी सेवा दे रहे हैं। अपनी मर्जी से उन्हें कोई पैसे दे तो वह ले लेते हैं। सतीश के इस जूनुन ने बहुत से लोगों की जिंदगी बचाई है। 

तमिलनाडु से ली है सांप पकड़ने का जानकारी 
सतीश ने बताया कि वह समाज सेवा के लिए यह कार्य कर रहे हैं । उसने सांपों से जुड़ी सभी जानकारियां स्नेक पार्क चेन्नई के साथ-साथ पुणे, तमिलनाडु और वेस्ट बंगाल में  विशेषज्ञों से जानकारी ली है। उसका कहना है कि 20 साल में वे 21 हजार से ज्यादा सांप पकड़ चुका है। अगर हम सांपों की प्रजातियों की बात करें तो देश में करीब 216 एवं अकेले हरियाणा में 15 प्रजातियां है। इनमें सबसे जहरीला सांप कोबरा माना जाता है। जो उत्तर भारत में सबसे अधिक पाया जाता है। 

इनमें ब्लैक माम्बा सांप सबसे जहरीला माना जाता है जो आस्ट्रेलिया जैसे देश में पाया जाता है। अगर हम पूरे भारत की बात करें तो पूरे वर्ष में हमारे देश में सांप के काटने से 1 हजार व्यक्ति मौत का ग्रास बन जाते हैं। सांप को केवल वह व्यक्ति ही पकड़ सकता है जिसने पूरा प्रशिक्षण लिया हो। सतीश ने सांपो को पकडऩे के लिए अमेरिका से वह हाथों के दस्ताने मंगवाए हुए हैं जिनको चढ़ाने के बाद सांप काट भी ले तो उसका जहर शरीर में नहीं चढ़ता ।

उसका कहना है कि आधा ग्राम जहर करीब 166 लोगों की जान ले सकता है। सांप को पकडऩे के लिए मैं अकसर कई प्रदेशों में भी जाता हूं। जितनी भी सांप के काटने से मौत होती है उनमें अधिक मौत सोते समय सांप के काटने से होती है। सतीश ने बताया कि हम सांप को पकडऩे के बाद उसे जंगल में छोड़ देते हैं। क्योंकि धरती पर सभी को जीने का समान अधिकार हैं । मैं सांप को पकडऩे के लिए हरियाणा के अलावा पंजाब, राजस्थान, यूपी, दिल्ली जा चुका हूं। 

Deepak Paul