अभी तक मीडिया कर्मियों के नुक्सान की भरपाई नहीं कर सकी सरकार

8/25/2018 3:58:13 PM

पंचकूला(धरणी): पंचकूला में हुई हिंसा को एक साल हो गया है। पिछले साल 25 अगस्त, 2017 को सिरसा के डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को हरियाणा की एकमात्र सी.बी.आई.आई. की विशेष अदालत जोकि पंचकूला में है। 2 युवतियों के यौन शोषण के आरोपों में 10-10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी।

पंचकूला में धारा 144 लगी होने के बावजूद भी जिस तरह से सरकार ने राम रहीम के समर्थकों को वहां इकट्ठा होने दिया था उसका दोषी सीधे तौर पर सरकार को ही माना गया था। मीडिया कर्मियों के करीब 43 वाहनों को राम रहीम के हुड़दंगियों ने जला दिया था। 

इस पूरे हिंसा के मामले के एक दिन बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने दावा किया था की एक हफ्ते में मीडिया कर्मियों के नुक्सान की भरपाई कर दी जाएगी लेकिन अब सरकार भरपाई करने की जगह हाईकोर्ट के पाले में गेंद डालती नजर आ रही है। कानूनी लोगों का कहना है कि हाईकोर्ट तरफ से स्टे नहीं लगाया है केवल सरकार झूठ बोलने का काम कर रही है। विपक्षी पार्टियां भी सरकार पर बार-बार सभी वर्गों से वायदा खिलाफी का आरोप लगा रही हैं। 

दूसरी तरफ मीडिया कर्मियों का भी आरोप है कि सरकार के मुआवजा देने के बाद अब बीमा कम्पनियां भी गेंद सरकार के पाले में डाल रही हैं। पंचकूला हिंसा में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह थी कि राम रहीम के लोगों ने मीडिया कर्मियों के वाहनों को टारगेट किया और 43 वाहन फूंक डाले थे। मीडिया कर्मियों के नुक्सान पर मुख्यमंत्री ने एक हफ्ते में ही उनके नुक्सान की भरपाई का दावा किया था। मगर मुख्यमंत्री के उक्त दावे का नुक्सान मीडिया कर्मचारियों को चुकाना पड़ा। मुख्यमंत्री के इस दावे के बाद इंश्योरैंस कम्पनियों ने भी गेंद सरकार के पाले में डालते हुए उनको सरकार की तरफ मोड़ दिया। 
 

Rakhi Yadav