कठिन समय में मजबूर और जरूरतमंदों का पेट भरने के लिए फरिश्ता बने समाजसेवी

punjabkesari.in Tuesday, May 18, 2021 - 11:01 PM (IST)

गुरुग्राम (मोहित): महामारी ने आज भले ही लोगों को लोगों से दूर कर रखा है। लेकिन इस कठिन समय में हमें समझना चाहिए कि हम सबसे पहले एक इंसान हैं, और इस समय ऑक्सीजन के अलावा इंसान की सबसे बड़ी जरूरत है मानवता। इस संकट के समय में कई लोग अपने घरों से बाहर आकर मजबूर और जरूरतमंद लोगों की सहायता कर रहे हैं। अक्षय केआर सिंह भी उन लोगों में से एक है इस कठिन व नाजुक समय में वह राजधानी दिल्ली के उन स्थानीय कलाकारों की सहायता कर रहे हैं जिनकी कमाई के स्रोत सीमित हो गए या फिर इस भयानक महामारी के कारण जिनकी कोई कमाई हुई ही नहीं है। 

ऐसे कठिन समय में कई स्थानीय कलाकार ऐसे भी हैं जो एक समय का भोजन तक नहीं ले सकते हैं। अक्षय केआर सिंह ऐसे लोगों के लिए भोजन उपलब्ध करवा रहें है और अब उनकी यह सेवा केवल स्थानीय लोगों या कलाकारों तक सीमित नहीं, बल्कि वह शहर के 700 से अधिक जरूरतमंद लोगों तक भोजन पंहुचा रहें हैं, संगीत के प्रति इनका गहरा लगाव होने के कारण इन्होंने निज़ामुद्दीन दरगाह के कलाकारों और दरियागंज में रहने वाले कुछ कलाकारों के परिवारों की सहायता करते हुए उन्हें निशुल्क भोजन देना शुरू किया। लेकिन जल्द ही, उन्होंने महसूस किया कि इस संकट के समय में जरूरत सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं है। 

इन्होंने राजस्थान के जैसलमेर के कलाकारों की सहायता की। बाड़मेर के आसपास रहने वाले मांगणियार संगीतकारों के परिवारों की भी सहायता की। इनकी इस मानवीय पहल से प्रेरित होकर, कई लोगों ने जरूरतमंदो की सहायता करने के लिए इनके साथ कदम मिलाया। इनके इस नेक और मानवीय पहल के बारे में एक खास और सराहनीय बात यह भी है कि अक्षय केआर सिंह कोई एनजीओ नहीं चलाते हैं। वह अपने ह्रदय से लोगों के साथ लोगों की सहायता करते है। 

अक्षय केआर सिंह ने बताया "उन्होंने अपनी बचत का इस्तेमाल करते हुए हर दिन लगभग 50 लोगों की सहायता के साथ इस नेक कार्य की शुरुआत की थी। उन्होंने इसके बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और धीरे-धीरे उनके दोस्त और सहयोगी इस नेक काम में शामिल होने लगे। वे कहते है कि पहले मुझे फंड लेने और अपनी जानकारी सबके साथ सांझा करने में थोड़ी झिझक होती थी, क्योंकि मैंने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं किया था। लेकिन धीरे धीरे  आवश्यकता और मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही थी, इसलिए हमने मिलाप.ओरजी के साथ हाथ मिलाया। जिसके चलते धीरे-धीरे हमारे साथ और अधिक लोग जुडऩे लगे। 

वे अपने अनुभवों को सांझा करते हुए बताते हैं कि आज मैं बहुत गर्व महसूस करता हूं कि हम इतनी सामग्री जुटा चुके हैं कि इस कठिन समय में भी हम में हर दिन 700 से अधिक लोगों को भोजन खिलाने में पूरी तरह से सक्षम हैं। कई बार हमें लगता है कि एक व्यक्ति आखिर क्या कर सकता है, लेकिन वह एक व्यक्ति ही होता है जो सबसे अलग और अनूठी विचारधारा का निर्माण करता है जिसमे बाद में अन्य लोग भी शामिल होते हैं। उनकी कंपनी वी एंड म्यूज़िक पूरे भारत में लोक कलाकारों को बढ़ावा देती है और उनकी कला को राष्ट्रीय स्तर के साथ साथ वैश्विक स्तर पर पहुंचाती है। लोक कलाकारों की इस दुनिया में उन्हें सहायता के लिए आसपास के लोगों के साथ साथ कई कलाकारों के भी कई फोनकॉल आते हैं। उनका मानना हैं कि जब हम स्वयं सहायता के लिए सक्षम हो तो किसी का इंतजार नहीं करना चाहिए।
 

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Content Writer

Shivam

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