कभी चौटाला ने छोड़ा था बसपा को बीच मझधार, अब वही मायावती ने किया

9/10/2019 11:21:10 AM

जींद (जसमेर) : ओमप्रकाश चौटाला की इनैलो के साथ 1998 के लोकसभा चुनाव में बसपा का चुनावी गठबंधन था। तब प्रदेश में बंसीलाल के नेतृत्व में हविपा व भाजपा गठबंधन की सरकार थी। कांग्रेस और इनैलो विपक्ष में थे। 1998 में हुए लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में हविपा-भाजपा गठबंधन का मुकाबला कांग्रेस व इनैलो-बसपा गठबंधन के साथ था। इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने बसपा के साथ चुनावी गठबंधन किसान तथा कमेरे को एक मंच पर लाकर हविपा-भाजपा गठबंधन व कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में शिकस्त देने के लिए किया था। इसमें इनैलो सुप्रीमो को कामयाबी भी मिली थी। 

इनैलो-बसपा गठबंधन ने 10 में से 5 सीटों पर जीत हासिल कर हविपा-भाजपा गठबंधन और कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया था। 1998 के लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होते ही इनैलो सुप्रीमो ने बसपा के साथ अपने चुनावी गठबंधन को तोडऩे का ऐलान कर दिया था। उन्होंने तब लोकसभा चुनावों के नतीजे का भी इंतजार नहीं किया था। उसके बाद बसपा ने कभी चौटाला परिवार के साथ चुनावों में हाथ नहीं मिलाया। 

बसपा सुप्रीमो मायावती को चौटाला के हाथों मिली बेवफाई जबरदस्त टीस दे रही थी। इनैलो सुप्रीमो के जेल जाने के बाद पिछले साल इनैलो नेता अभय सिंह चौटाला ने बसपा के साथ चुनावी गठबंधन किया था जिसे मायावती ने जींद उप-चुनाव में इनैलो की करारी हार के बाद एक झटके में तोड़ दिया था। इनैलो से चुनावी गठबंधन तोडऩे के बाद मायावती ने पूर्व सी.एम. ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा के साथ अभी कुछ दिन पहले ही विधानसभा चुनाव को लेकर गठबंधन किया था। यह गठबंधन प्रदेश के सभी जिलों में अपने कार्यकर्ता सम्मेलन भी पूरे नहीं कर पाया कि मायावती ने 2 दिन पहले इस गठबंधन को ठीक उसी अंदाज में तोडऩे का ऐलान कर दिया,जिस अंदाज में 1998 में इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने मायावती के साथ तोड़ा था। इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश के हाथों 1998 में मिली राजनीतिक बेवफाई का बदला बसपा सुप्रीमो मायावती ने ठीक 21 साल बाद आकर उनकी दूसरी और तीसरी पीढ़ी से एक ही साल में लेने का काम किया।  

Isha