किसान आंदोलन के चलते सोनीपत रोडवेज डिपो को प्रतिदिन 7 लाख का घाटा, 40% सवारियां घटी

2/24/2024 10:39:17 AM

सोनीपत (सुनील जिंदल) : हरियाणा रोडवेज की बसें NH-44 से होते हुए दिल्ली जयपुर सहित अलग-अलग बड़े रूटों पर जाती थी, दूसरी तरफ चंडीगढ़ की तरफ भी जाने वाली बसें एक अच्छे रेवेन्यू के साथ चलती थी। 13 फरवरी से लगातार किसान आंदोलन के चलते अलग-अलग जिलों के बॉर्डर पूरी तरह से सील किए गए हैं, जिसके चलते हरियाणा रोडवेज का रिवेन्यू लॉस काफी बढ़ गया है।

जानकारी के मुताबिक हरियाणा रोडवेज अपनी बसों को अलग-अलग रूट पर भेज जरूर रहा है, लेकिन अलग-अलग रास्ते बंद होने के चलते किलोमीटर बढ़ गए हैं और सवारी प्रतिशत भी काफी कम हो गया है। इतना ही नहीं गंतव्य स्थान पर पहुंचने में समय भी ज्यादा लगता है, जिसके चलते अब रोडवेज काफी घाटे में चल रही है। ऐसे में बसों में जाने को लेकर सवारी भी दिलचस्पी कम ले रही है। 

यात्रियों का प्रतिशत 100 से घटकर 40% पर आकर सिमट गया

अधिकारी सुरेंद्र दुग्गल ने बताया कि सोनीपत से चंडीगढ़ की तरफ जाने वाली गाड़ी का आने जाने में 100 किलोमीटर अतिरिक्त बढ़ गया है, वहीं बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों का प्रतिशत 100 से घटकर 40% पर आकर सिमट गया है। बसें ज्यादा घूम कर जा रही है तो ऐसे में सवारी की संख्या काफी कम हो गई है। 


गौरतलब है कि जयपुर राजस्थान की तरफ जाने वाली सभी बसें दिल्ली से होकर गुजरती थी। दिल्ली की तरफ जाने वाले रास्ते भी दो  दिन पहले ही दोबारा खोले गए हैं। रोडवेज बस अब लामपुर बॉर्डर से होकर निकलती है। वहीं चंडीगढ़ के लिए करीबन 20 बसें प्रतिदिन निकलती हैं। राजस्थान और जयपुर के लिए भी करीबन 18 से 20 बस निकलती है और दोनों ही बड़े रूट अब प्रभावित हो गए हैं। 

रोडवेज अधिकारी ने बताया कि आंदोलन के शुरुआत होने से पहले प्रतिदिन करीबन 12 लाख रुपए का रेवेन्यू सोनीपत रोडवेज को होता था, जिसके चलते रोडवेज सोनीपत डिपो का केस काफी प्रभावित हो गया है और प्रतिदिन करीबन 7 लाख रुपए का रिवेन्यू लॉस हो रहा है। अब प्रतिदिन  कैश  साढ़े चार  लाख  रुपए पर आकर सिमट गया है। 

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Content Writer

Manisha rana