साइबर ठगों को लेकर एसपी अमित दहिया का बड़ा खुलासा, डिजिटल अरेस्ट का खेल रचने लगे ठग....सावधान रहे जनता

punjabkesari.in Saturday, Jul 27, 2024 - 04:51 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): देश के अलग-अलग हिस्सों की तरह से हरियाणा में भी अब साइबर ठगी का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन हरियाणा पुलिस के साइबर सैल की तत्परता के चलते ना केवल जनता की करोड़ों रुपए की राशि ठगने से बचाई गई, बल्कि हजारों की संख्या में ठगों को पुलिस ने सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम किया है। आजकल इन ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का खेल रचकर जनता को ठगने का काम शुरू किया है। हरियाणा के साइबर सैल के एसपी अमित दहिया ने इस प्रकार के ठगों से बचने और उनके काम करने के तरीकों की जानकारी दी। आप भी इस जानकारी को जानकर खुद को इस प्रकार से होने वाली ठगी से बचा सकते हैं। 

एक घंटे की सूचना पर 90 प्रतिशत रिकवरी

आर्थिक साइबर क्राइम के एसपी अमित दहिया का कहना है कि साइबर क्राइम की कोई भी वारदात होने पर पहले एक घंटे में साइबर डेस्क को सूचना मिलती है तो उसकी रिकवरी 90 प्रतिशत हो सकती है। पहले 6 घंटे में यदि कोई शिकायत आती है तो उसकी रिकवरी 60 से 70 प्रतिशत है। साइबर क्राइम के लिए सूचना देने के लिए 1930 पर त्वरित कार्रवाई की जाती है। हरियाणा में साइबर क्राइम रोकने के लिए 29 थाने इस समय में कार्यरत है, जिनमें पंचकूला में 2, गुरुग्राम में 4, फरीदाबाद में 3 तथा बाकी सभी जिलों में 1-1 साइबर थाना कार्यरत है।

एक लाख से अधिक मोबाइल किए थे ब्लॉक

अमित दहिया ने बताया कि मेवात के इलाके में 1,11,906 मोबाइल ब्लॉक करवाए गए थे। यह प्री-एक्टिवेटिड सिम हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के अलावा पूरे देश में जो सिम ज्यादातर एक्टिव पाए गए, वह आसाम से थे। एक जनवरी 2024 से लेकर 31 मई 2024 तक 150 दिनों में 1668 साइबर अपराधी पूरे भारत से हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं। हरियाणा साइबर टीम हॉट स्पॉट तक पहुंची है और साइबर ठग, जोकि शेयर मार्केट में झूठे ढंग से पैसा इंवेस्ट करवाकर नकली डैश बोर्ड बनाकर दोगुना और तीगुना का लालच देकर किसी को भी कॉल करते है, से सावधान रहने की जरूरत है। साइबर ठग कोरियर एजेंसी से बोल रहे है, कहकर भी जालसाजी करने में लगे हुए हैं। 

डिजिटल अरेस्ट का रच रहे खेल  

अमित दहिया ने बताया कि साइबर ठगी करने वाले आजकल डिजिटल अरेस्ट का खेल भी रच रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट का प्रावधान कहीं भी नहीं है। साइबर ठगी करने वाले मोबाइल में इस्तेमाल होने वाले सिम फर्जी नामों पर जारी करवाकर उनका इस्तेमाल करने में लगे हुए हैं। जामतारा की तर्ज पर हरियाणा के मेवात में की गई बड़ी कार्रवाई से साइबर ठगी करने वालों में काफी हड़कंप मचा है। हरियाणा साइबर मुख्यालय में राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों से संबंधित उच्चाधिकारी साइबर ठगों को पकड़ने में मदद करते हैं। 

साइबर टीम के साथ 9 बैंक मैनेजर्स 

हमने अपनी 112 वाली बिल्डिंग में बैंकों के नोडल अधिकारीगन साइबर टीम के साथ ही बिठा रखे हैं ताकि वह लाइव देख पाए और हमें जानकारी दे पाए कि पैसे कहां से और कैसे गए हैं और हम तुरंत पैसों को ब्लॉक कर सकें। 9 बड़े बैंकों के 14 मैनेजरस हमारी साइबर टीम के साथ बैठे हुए हैं। उनकी मदद से हम तुरंत प्रभाव से पैसा फ्रीज कर सकते हैं।

नकली वेबसाइट से भी हो रही ठगी

एसपी अमित यादव ने बताया कि थोड़ी-थोड़ी लापरवाही से हजारों करोड़ का नुकसान हो रहा है। आजकल नकली वेबसाइट के माध्यम से भी ठगी की जा रही है, जिसमें शेयर मार्केट में पैसा दोगुना इत्यादि करने के लुभावने सपने दिखाए जाते हैं। कुछ फ्रॉड साइट्स भी बनाई हुई है जिसमें झूठे सपने दिखाए जाते हैं। शुरुआत में 20-25 दिन में ही कुछ अमाउंट वापस भी भेजा जाता है, लेकिन जब उनके पास बड़ा अमाउंट पहुंच जाता है तो फिर उनका अकाउंट नंबर, फोन व अन्य संपर्क के साधन बंद हो जाते हैं। उसके बाद हमारे पास पीड़ित पहुंचते हैं और अपनी नुकसान की जानकारी शेयर करते हैं। हम अकाउंट को वेरीफाई करते हैं जो भी हमारी संबंधित कार्रवाई होती है करते हैं। लेकिन कई मामलों में देखा कि काफी देर हो गई होती है।

किसी अनजान चीज पर मत करें क्लिक

अमित यादव ने बताया कि मोबाइल में किसी भी अनजान चीज पर क्लिक बिल्कुल मत करें। कई बार बाद में पता चलता है कि आपके मोबाइल का आपने कंप्लीट एक्सेस किसी ओर को दे दिया है। कई बार फोन पर ओटीपी आ जाती है वह किसी को ना बताएं। क्योंकि जालसाज अलग-अलग तरीकों से सामने वाले को बेवकूफ बनाने की कोशिश करते हैं। व्हाट्सएप सेटिंग्स में एक लोक की ऑप्शन होती है इसके बाद आपको कोई भी किसी भी अनजान ग्रुप में ऐड नहीं कर सकता। लेकिन आमतौर पर वह हम खुला छोड़ देते हैं और हमें कोई भी ग्रुप में जोड़ देता है। जिसमें यह दिखाया जाता है कि लोग बहुत पैसा कमा रहे हैं। इस लालच में लोग फंस जाते हैं। इसके साथ-साथ अनजान व्यक्ति की फोटो डाउनलोड बिल्कुल मत करें क्योंकि वह फोटो ना होकर कोई वायरस भी हो सकता है जो आपके मोबाइल का कंट्रोल दूसरे के हाथ में दे सकता है। इसके साथ-साथ फेसबुक पर अपनी निजी चीज साझा बिल्कुल मत करें। साइबर फ्रॉड्स आपके बारे में बहुत सी जानकारी आपकी फेसबुक के माध्यम से भी बटोरते हैं। फ्री के एप भी डाउनलोड मत करें जो भी काम फोन से करना है बहुत सोच समझकर किया जाना चाहिए क्योंकि यह दो धारी तलवार है। 

पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ तालमेल

एसपी ने बताया कि हरियाणा पुलिस के साथ तो हमारा सहयोग और तालमेल रहता ही है, इसके साथ-साथ हम अन्य प्रदेशों जैसे उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, झारखंड इत्यादि की पुलिस के साथ भी तालमेल रखते हैं। एसपी टू एसपी हम बात करते हैं। हम आपस में अपनी जानकारी शेयर करते हैं। इस प्रकार से हम लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनने से रोक पा रहे हैं।


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Content Writer

Isha

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