विशेष: लॉकडाउन का फायदा कैसे उठाया जाए? इस परिवार से सीखें, पड़ोसी भी ले रहे लाभ
punjabkesari.in Monday, May 24, 2021 - 03:45 PM (IST)

टोहाना (सुशील सिंगला): कोविड-19 महामारी के कारण एक साल पहले पूरे देश में लॉकडाउन लगने से हजारों लोगों को रोजगार छिन गया था। यहां तक कई लोगों को खाने के लाले पड़ गए थे, लेकिन इसी लॉकडाउन का कुछ लोगों ने बहुत ही बढिय़ा फायदा उठाया है, जो न केवल कोरोना से बचे रहे बल्कि अपने समय का भी सदुपयोग किया। हरियाणा के टोहाना में ऐसा ही एक परिवार है, जिसके प्रयासों को देख अब पड़ोसी भी वही काम कर लाभ ले रहे हैं।
पिछले साल जब लॉकडाउन लगा तब टोहाना की कृष्णा कॉलोनी के रहने वाले सहारन परिवार ने समय का सदुपयोग करने के लिए अपने घर की छत को किचन गार्डन में तब्दील कर दिया। शुरुआत में जहां एक दो पौधे थे, अब यहां पर दर्जनों फूल, फल व अन्य औषधीय पौधों की भी भरमार है। यह सब उन्होंने अपने घर की छत के मात्र 100 गज के क्षेत्र में किया है। अब उनसे प्रेरणा लेकर उनके आस पड़ोसी भी अपने घर की छतों पर बागवानी को सजाने में जुट गए हैं।
घर के कबाड़ में उगाई सब्जी व फल
घर की छत पर किचन गार्डन को सस्ता व किफायती बनाने के लिए उन्होंने पुरानी पेटी, पुराने डिब्बे, डस्टबिन, पॉलीथिन का लिफाफा, सीवरेज पाइप, बोतल, प्लास्टिक का कट्टे का उपयोग किया है । किसी भी तरह के कबाड़ में मिट्टी डाल कर पौधा उगाने लायक बना लेते हैं।
ये पौधे हैं घर की छत पर
शिमला मिर्च, मिर्च, टमाटर, बैगन, चिक्कू, अमरूद, मौसमी, भिंडी, कड़ी पत्ता, गिलोय, ग्वार की फली, मिर्च, बांस, लोबिया, धनिया, गिरा, आलू, दर्जनों फूलों के पौधे भी हैं ।
घर में बना रहे हैं खाद व कीटनाशक
केमिकल रहित फल व सब्जियों को अपने घर में शामिल करते हुए वह रसोई से बच्चे वेस्ट को खाद बनाने में प्रयोग करते हैं। कीटनाशक के लिए किन्नू के छिलकों का उपयोग करते हैं जिससे उनके पौधों में कोई कीट पतंगा नही हैं और उनका विकास भी भरपूर हो रहा है।
छोटे ग्रीन हाउस का दिया रूप
सहारन परिवार ने अपनी इस छत को लॉकडाउन में छोटे से ग्रीन हाउस का रूप दे दिया हैं। यहां पर उन्होंने स्ट्रॉबेरी व ग्रीन हाउस के खीरे को भी उगाने में सफलता हासिल की हैं। घर की छत पर उन्होंने एक मिट्टी का चूल्ला, तंदूर व मिट्टी का हारा भी रखा हुआ है, जिसमें घर की रसोई पकती हैं।
क्या कहते हैं परिवार के सदस्य
घर के मुखिया नरोत्तम सिंह सहारण इस पूरी बागवानी का श्रेय अपनी पत्नी सतपाल कोर को देते हैं। जिसकी बदौलत अब घर के सभी सदस्यों को ताजी फल, सब्जी व हवा मिल रही हैं। उनका बेटा अमनदीप सिंह भी इस कार्य मे उनकी मदद करते हैं। उनके रिश्तेदार व पड़ोसी भी अब अपने घर की छतों को किचन गार्डन में तब्दील कर रहे हैं जिससे उन्हें खुशी मिलती हैं।
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