करोड़ों का खर्च होने के बाद भी सुहाने सफर की राह खौज रहे चालक, ट्रैफिक सिग्नल बने जाम का कारण
3/1/2021 8:59:57 AM
करनाल : शहर से जाम की समस्या खत्म करने के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके है, मगर समस्या खत्म होने की बजाय और बढ़ गई है। प्रशासन द्वारा जाम से निपटने के लिए पश्चिम बाईपास, घोघड़ीपुर फ्लाईओवर, मंगलपुर से शहीद उधम सिंह चौक तक न्यू रोड सहित शहर में करोड़ों रुपए खर्च कर कई रोड बनाए गए। इसके बावजूद शहर में आने वाले वाहन चालक सुहाने सफर की राह खोज रहे हैं। शहर में जाम बढऩे का सबसे बड़ा कारण प्रशासन द्वारा हर चौक लगाई गई ट्राफिक सिग्नल लाइटें हैं। जो बिना सर्वें के लगाई गई हैं। यह लाइटे मात्र 100-100 मीटर की दूरी पर लगाई गई है। जिससे सड़कों पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारं लग जाती हैं और शहर में हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है।
रोड सैफ्टी की मीटिंग मात्र खानापूर्ति
एन.एच.आई.ए., पी.डब्लू.डी. व ट्रैफिक पुलिस सहित प्रशासनिक अधिकारी लगभग हर महीने रोड सैफ्टी को लेकर मीटिंग करते है, मगर शहर से जाम की समस्या आज तक खत्म नहीं हो पाई है। जिससे लग रहा है कि रोड सैफ्टी की मीटिंग के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जा रही है। क्योंकि धरातल पर रोड सैफ्टी को लेकर कुछ खास नजर नहीं आ रहा है।
समस्या को जल्द किया जाएगा खत्म
उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि शहर से जाम की समस्या को जल्द खत्म किया जाएगा। जाम को खत्म करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। ट्रॉफिक सिग्नल के बारे भी जानकारी ली जाएगी, जिस जगह पर जरूरी नहीं, वहां से सिग्नल हटवाए जाएंगे।
जिम्मेदारों ने शहर को स्मार्ट बनाने के लिए हर चौक पर लगावा दिए ट्राफिक सिग्नल
शहर को स्मार्ट बनाने के लिए जिम्मेदारों द्वारा शहर के लगभग सभी चौकों पर ट्रैफिक सिग्नल लगावा दिए गए हैं। जिस चौक पर सिग्नल की जरूरत भी नहीं वहां पर भी सिग्नल लगवा दिए गए हैं। जिसमें महात्मा गांधी चौक पर बने कट को बेरिकैटस लगाकर बंद किया हुआ है, मगर बावजूद उसके इस चौक पर ट्रैफिक सिग्नल लगा हुआ है, जिस कारण लोग रैड लाइट देखकर अपने वाहन रोकते हंै और जाम की समस्या पैदा होती है। रैड लाइट जंप की तो होगा
5 हजार का चालान
ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए प्रशासन द्वारा शहरभर में लाइटे लगवा दी गई हैं। वहीं यदि कोई भी बाइक, कार या अन्य वाहन को रैड लाइट जंप करेगा, तो उसका 5 हजार रुपए का चालान कटेगा। इतना ही नहीं कंट्रोल रूप में बैठे पुलिसकर्मी रैड लाइट जंप करने वाले वाहन का नंबर सी.सी.टी.वी. कैमरे से कैद करेंगे और उसके ऐड्रस पर चालान डाक द्वारा भेजेंगे।
मैडीकल कॉलेज जाने वाले दोनों रास्तों पर लाइटें
मैडीकल कॉलेज जाने वाले दोनों रास्तों की तरफ ट्रैफिक सिग्नल लाइटे लगी हुई हैं, जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी मरीजों को अस्पताल लेकर आने वाले एंबुलैंस चालकों को उठानी पड़ती है। निर्मल कुटिया चौक की तरफ से यदि आए, तो मैडीकल कॉलेज व अस्पताल तक का रास्त करीब एक किलोमीटर से भी कम पड़ता है, मगर इतने रास्ते को पार करने के लिए एंबुलैंस को 4 ट्रैफिक सिग्नल लाइटों को पार करना पड़ता है। जिसमें निर्मल कुटिया चौक, लघु सचिवालय चौक, सैक्टर-12 मटका चौक, अस्पताल चौक पर ट्रॉफिक सिग्नल है। वहीं पुरानी बस स्टैंड की तरफ से यदि अस्पताल जाए तो अंबेदकर चौक, महात्मा गांधी चौक, महाराजा अग्रसेन चौक पर भी लाईटे लगी हुई है। वहीं लाईटों की वजह से जाम लगा रहता है, जिसमें एंबुलैंस जाम में फंसी रहती है और मरीजों को काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है।
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