कर्मचारी बोला- पत्नी के एग्जाम हैं और मुझे बच्चों को संभालना है, छुट्टी चाहिए...

12/22/2019 4:07:34 PM

जींद (राठी): सर-मेरी पत्नी के कल से एग्जाम हैं, इसलिए मेरी 3 वर्षीय बेटी और एक वर्षीय बेटे को मैंने ही संभालना है। अब दोनों बच्चों को घर पर संभालने वाला कोई नहीं है। इसलिए मेरी बची हुई छुट्टियां दी जाएं। रोडवेज के डी.आई. कार्यालय में प्रतिदिन अलग-अलग तरह की शिकायतें आ रही हैं। इन शिकायतों में अधिकतर शिकायतें बची हुई छुट्टियां लेने को लेकर रोडवेज कर्मी कर रहे हैं। ऐसे में रोडवेज ड्राइवर-कंडक्टर तथा अन्य कर्मचारियों को फिर भी छुट्टी नहीं मिल रही है।

कुछ कर्मचारी बहन की शादी का हवाला दे रहे हैं। शिकायतों में ऐसी-ऐसी बातें सामने आ रही हैं, फिर भी ड्यूटी सैक्शन इंचार्ज उन्हें छुट्टी नहीं दे रहे। छुट्टियों को लेकर उन्हें महाप्रबंधक कार्यालय भेजा जा रहा है, क्योंकि उन्हें छुट्टी देने की अनुमति नहीं है। रोडवेज कंडक्टर और ड्राइवर छुट्टी को लेकर डी.आई. कार्यालय में शिकायत लेकर आते हैं, उसके बाद वहां से जी.एम. कार्यालय भेज दिया जाता है। फिर वहां पर छुट्टी लेने का कारण और उनकी जगह किस ड्राइवर-कंडक्टर की ड्यूटी लगाई जाएगी। यह सब पूछा जाता है। 

यदि सब कुछ व्यवस्था बनती है, उसके बाद ही ड्राइवर या कंडक्टर को छुट्टी मिल पाती है। इतने सारे सवाल और जवाबों को लेकर अधिकतर ड्राइवर या कंडक्टर छुट्टी लेने ही नहीं जाता। ऐसे में ड्राइवर-कंडक्टर अवकाश लेने के लिए दोनों तरफ भटकते हैं, लेकिन किसी तरफ उनकी सुनवाई नहीं होती। डी.आई. कार्यालय में ही शिकायत देकर वापस अपनी ड्यूटी पर लौट जाता है। 

डिपो में 142 कंडक्टर, 151 ड्राइवर हैं तैनात 
डिपो में फिलहाल 98 रोडवेज बसें छोटे से लेकर लम्बे रूटों पर दौड़ रही हैं। इसके लिए डी.आई. कार्यालय ने 98-98 चालक-परिचालकों की ड्यूटी लगाई हुई हैं। जबकि फ्लाइंग या ट्रेङ्क्षनग स्कूल के लिए 7-8 बसों की व्यवस्था की हुई है। कुल मिलाकर 105-105 चालक-परिचालक इन बसों का संचालन करते हैं, लेकिन डिपो में 142 कंडक्टर और 151 ड्राइवर बैठे हैं।

इनमें से काफी ड्राइवर-कंडक्टर तो रूटों को छोड़ दायं-बायें बैठे हुए हैं। इसका परिणाम यह हो रहा है कि जो ड्राइवर और कंडक्टर रूटों का संचालन कर रहे हैं उनको समय पर अवकाश भी नहीं दिया जा रहा है वहीं उनसे 48 घंटे से भी ज्यादा काम लिया जा रहा है। जबकि ओवरटाइम खत्म होने के बाद ड्राइवर-कंडक्टरों से 48 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता। जब ड्राइवर या कंडक्टर डी.आई. कार्यालय में अवकाश मांगते हैं तो उनको महाप्रबंधक के पास भेज दिया जाता है और वहां उनको अवकाश नहीं मिल पाता है। 

 

Isha