होटल व ढाबों में मिल रहा बासी खाना, सेहत का कोई नहीं रखवाला

12/25/2017 4:37:03 PM

फतेहाबाद(ब्यूरो): अगर आप बाहर की खाना खाने के शौकीन हैं तो जरा सावधान रहें, क्योंकि जो खाना खाकर आप अपनी भूख शांत करने जा रहे हैं कहीं वह आपको अस्पताल न पहुंचा दें। यह बात पढ़कर आपको हैरानी भी हुई होगी लेकिन यह बात सौ प्रतिशत सच है। जिले के असंख्य होटल, रैस्टोरैंट, ढाबों, रेहड़ियों पर बीते लम्बे अर्से से बासी खाना परोसा जा रहा है, जिसके चलते लोगों के बीमार होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस खाद्य विभाग को लोगों की सेहत से खिलावड़ करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है आखिरकार वह धृतराष्ट्र क्यों बना हुआ है।

लोगों की सेहत से खिलावाड़ करने वालों के खिलाफ न जुर्माना न कार्रवाई इस बात की गवाही दे रही है कि खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को होटलों व रैस्टोरैंट आदि से भारी चढ़ावा चढ़ रहा है। जब इस बाबत खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि वे बिना शिकायत के अगर किसी होटल या रैस्टोरैंट आदि पर जांच करने के लिए पहुंचते है तो वे शिकायत कर देते हैं कि उन्हें तंग किया जा रहा है।



सिर्फ त्यौहारी सीजन में होती है सैम्पलिंग
खाद्य विभाग की तरफ से त्यौहारी सीजन में ही कुछ होटल-मिठाई की दुकानों में खाने-पीने की चीजों की जांच की जाती है। ऐसे पदार्थों का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जाता है। दीवाली और होली के आसपास ही मिलावटी मिठाइयां और अन्य खाने-पीने की चीजों का लेकर जांच के साथ सैंपल लेते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि खाद्य पदार्थ और मिठाइयों के सैंपल की जांच रिपोर्ट त्यौहारी सीजन खत्म होने के बाद ही आते है।

डिप्टी सिविल सर्जन डा. गिरिश ने कहा कि अगर कोई शिकायत करता है तो उस शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की टीम-टीम समय पर खाद्य पदार्थों के सैंपल भर रही है। होटलों, ढाबों वे रैस्टोरैंट पर परोसे जा रहे भोजन व अन्य खाद्य पदार्थों के सैंपल भी लिए जाएंगे। लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।

मजबूरी : कैसे बताएं खाना बासी है या ताजा
सेहत विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी असमर्थता जाहिर करते हुए बताया कि यह बता पाना मुश्किल ही नहीं नामुकिन है कि खाना बासी है या ताजा। हां, स्वास्थ्य विभाग की टीम सिर्फ सैंपल ही भर सकती है। सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही कार्रवाई की जाती है।

2 लाख तक जुर्माना व केस भी हो सकता है
हर जिले में खाद्य व सुरक्षा अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। इन अधिकारियों का काम होटलों, रैस्टोंरैंट व रेहड़ी आदि खाद्य पदार्थ विक्रय करने वाले संस्थानों में जांचकर सैंपल लेना है। सैंपलों की जांच विभाग की लैबोरेट्री में की जाती है। शिकायतों पर खाद्य पदार्थ सुरक्षा अधिकारी जांच कर सकते है। फिर खुद ही संज्ञान लेकर कार्रवाई की जा सकती है। जांच में यदि खाद्य पदार्थ में सामान्य मिलावट या सेहत के लिए हानिकारक होने पर दो हजार से 2 लाख जुर्माना हो सकता है। इस खाद्य पदार्थ में सेहत का नुक्सान होने पर एफ.आई.आर. और कोर्ट में केस दर्ज किया जा सकता है।