1993 से शुरू हुआ सिलसिला पहुंचा 2019 तक

5/21/2019 8:49:50 AM

जींद(जसमेर): पी.एम.नरेंद्र मोदी को चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में क्लीन चिट देने को लेकर निर्वाचन आयोग में मतभेदों को उजागर करने वाले चुनाव आयुक्त अशोक लवासा जींद के उपायुक्त रह चुके हैं। लवासा इस समय राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर रहे हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है,जब जींद के डी.सी. के पद पर रहे अधिकारी ने ऐसी सुर्खियां बटोरी हों। यह सिलसिला 1993 से शुरू हुआ था और 2019 तक बराबर जारी है।
 
निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा ने पी.एम. नरेंद्र मोदी को आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन मामले में निर्वाचन आयोग की क्लीन चिट से खुद को अलग करते हुए कहा कि वह आयोग के फैसले से सहमत नहीं हैं। उनके इस बयान के बाद वह पूरे देश में सुर्खियां बटोर रहे हैं। दरअसल आई.ए.एस. अशोक लवासा शुरू से ही ऐसे अधिकारी रहे हैं, जो सरकार के दबाव में कतई नहीं आते। वह 1988 में जींद के डी.सी. थे। तब प्रदेश में चौ.देवीलाल की सरकार थी।

चौ.देवीलाल के छोटे बेटे रणजीत सिंह कृषि मंत्री थे और एक बार वह जींद के रैस्ट हाऊस आए थे तो अशोक लवासा ने उनसे रैस्ट हाऊस में आकर मुलाकात नहीं की थी। बाद में ओमप्रकाश चौटाला लोकदल के प्रदेशाध्यक्ष होते हुए जींद आए तो पार्टी कार्यकर्ताओं ने डी.सी. अशोक लवासा की शिकायत की कि वह कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनते। अशोक लवासा को गुरुग्राम से जींद में डी.सी. के पद पर ट्रांसफर किया गया था। 

लोकदल कार्यकर्ताओं की शिकायत पर ओमप्रकाश चौटाला ने लवासा को रैस्ट हाऊस में बुलाया भी था लेकिन उन्होंने दबाव मानने से मना कर दिया था। इसके 2 दिन बाद ही उनका जींद से तबादला हो गया था। तब यह कहा गया था कि उनका तबादला ओमप्रकाश चौटाला ने करवाया है।
 
1993 में सुदीप सिंह ढिल्लों ने शुरू किया था दबंग 
1993 में जींद में डी.सी.के पद पर आई.ए.एस.अधिकारी सुदीप सिंह ढिल्लों नियुक्त थे तब नरवाना उप-चुनाव हुआ था। इस उप-चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रणदीप सुर्जेवाला और जनता पार्टी के ओमप्रकाश चौटाला के बीच मुकाबला था। कांग्रेस प्रत्याशी की चुनाव में पतली हालत को देखते हुए तत्कालीन सी.एम.चौ.भजनलाल ने डी.सी. सुदीप सिंह ढिल्लों से कानून व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट भेजने को कहा था,जिसके आधार पर नरवाना उप-चुनाव को रद्द किया जा सके लेकिन ढिल्लों ने मजबूत आई.ए.एस.अधिकारी होने का परिचय देते हुए इस तरह की रिपोर्ट भेजने से मना कर दिया था।

बाद में चौ.भजनलाल ने जींद के तत्कालीन एस.पी. और अब पुलिस महानिदेशक पी.आर. देव से नरवाना उप-चुनाव स्थगित किए जाने को लेकर रिपोर्ट भेजने को कहा था लेकिन उन्होंने भी ऐसा करने से मना कर दिया था। नरवाना उप-चुनाव के तुरंत बाद जींद के तत्कालीन डी.सी. सुदीप सिंह ढिल्लों का जींद से तबादला कर चंडीगढ़ मुख्यालय भेज दिया गया था। उसके बाद ढिल्लों को भजनलाल सरकार तथा उनके बाद आई किसी भी सरकार ने डी.सी. के पद पर तैनात नहीं किया। अशोक लवासा भी जींद के बाद किसी जिले में डी.सी. के पद पर नियुक्त नहीं हुए। 

अब वर्तमान डी.सी. डा.आदित्य दहिया ने बटोरी सुर्खियां
जींद के वर्तमान डी.सी.डा.आदित्य दहिया भी इन दिनों सुर्खियां बटोर रहे हैं। वह नरवाना में लोकसभा चुनावों दौरान आदर्श चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हुए सी.एम. मनोहर लाल को रैस्ट हाऊस का इस्तेमाल नहीं करने देने को लेकर सुर्खियों में हैं। 

kamal