राज्य चुनाव आयोग का फैसला: सरकारी देनदारी वाले परिवार की महिला को चुनाव लड़ने का अधिकार

10/17/2022 6:06:28 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): पंचायती राज चुनावों में उतरी महिला उम्मीदवारों के सामने खड़ी एक बड़ी समस्या के समाधान को लेकर सेल्फी विद डॉटर संस्था के संस्थापक सुनील जागलान ने हरियाणा चुनाव आयोग में याचिका दायर की थी, यह समस्या क्या थी और आखिर सुनील जागलान को यह कदम क्यों उठाना पड़ा, राज्य चुनाव आयोग ने क्या फैसला लिया, इस पूरे विषय को लेकर सुनील जागलान ने बताया कि पंचायती राज एक्ट 2015 में बदलाव के दौरान लागू किए गए नियम- शर्तों के अनुसार चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के नाम किसी प्रकार का बिजली बिल- कोआपरेटिव सोसाइटी का या लैंड मॉर्गेज बैंक का कोई भी लेन-देन होने को गलत तरीके से पेश कर दिया गया था।

पंचायती राज एक्ट के सेक्शन 175 के अनुसार सिर्फ कांटेस्टटेंट या उम्मीदवार ही इसके लिए बाध्य है ना कि उसका पूरा परिवार। तो हमने अबकी बार पिछले 7 साल से देश भर में चल रहे सेल्फी विद डॉटर अभियान के तहत कुछ युवतियों- महिलाओं को अपने गांव में चुनाव लड़ने के लिए हौसला बढ़ाया और संस्था की तरफ से  सपोर्ट करने का वादा किया। घोषणा पत्र तैयार करने, वन टू वन काउंसलिंग, पब्लिक इफेक्टिव स्पीकिंग करवाने का वायदा किया। तो उसमें हमारी एक उम्मीदवार भिवानी से पिंकी जब बिजली विभाग, लैंड मॉर्गेज बैंक, एनओसी लेने गई तो उसे ससुर के नाम बकाया होने के कारण एनओसी देने से मना कर दिया गया। जबकि उसकी फैमिली आईडी- राशन कार्ड भी अलग था और वह ससुर परिवार से अलग रह रही थी।

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma