गुरमीत प्रकरण के दौरान हुई हिंसा के पीछे राज्य सरकार जिम्मेदार: हाईकोर्ट

11/29/2017 10:53:40 AM

चंडीगढ़(बृजेन्द्र):डेरा प्रमुख प्रकरण के दौरान पंजाब व हरियाणा में हुई हिंसक घटनाओं के मामले में दोनों राज्य सरकारों पर रामपाल प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेशों की पालना न करने के आरोप लगाती अवमानना याचिका में हाईकोर्ट ने पंजाब व हरियाणा सरकार को 20 फरवरी के लिए नोटिस जारी किया है। अधिवक्ता मोहिंद्र सिंह जोशी ने दायर याचिका में दोनों राज्यों के होम सैक्रेटरीज को हाईकोर्ट द्वारा 14 मई, 2015 को जारी आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा करने के मामले में दंडित किए जाने की मांग की है। हाईकोर्ट ने अपने उन आदेशों में कहा था कि धार्मिक स्थल प्रवचन के लिए होते हैं न कि प्राइवेट कमांडोज को ट्रेनिंग देने के लिए।

वहीं हाईकोर्ट ने अपने उन आदेशों में डेरे में गैर-कानूनी रूप से हथियारों व गोला-बारूद की खोज व समय-समय पर डेरे की गतिविधियों पर नजर रखने को समय की मांग बताया था, ताकि भविष्य में इस प्रकार की खूनी झड़प से बचा जा सके। जिसे लेकर पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन ने कार्रवाई को लेकर आश्वासन दिया था।हाईकोर्ट ने रामपाल व अन्यों के खिलाफ स्वयं संज्ञान लेकर शुरू किए केस में कहा था कि कथित संत रामपाल को गिरफ्तार करने जब पुलिस आश्रम पहुंची थी तो उसे हथियारों से लैस हजारों प्राइवेट कमांडोज से जूझना पड़ा था। उनके पास पैट्रोल बंब, एसिड और लाठियां भी थी। इस पर कोर्ट ने कहा था कि धार्मिक स्थल प्रवचन के लिए होते हैं न कि प्राइवेट कमांडोज को ट्रेनिंग देने के लिए, ताकि आश्रम के मुखी को बचा सकें। किसी भी कीमत पर इसे (आश्रम) को हथियारों के डंपिंग ग्राऊंड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

आश्वासन दिया मगर कार्रवाई नहीं की
वर्ष 2014 के उस मामले में डेरा सच्चा सौदा, सिरसा, पंजाब एवं हरियाणा सरकार समेत चंडीगढ़ को नोटिस किया था। उस नोटिस पर पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि उनके अधिकार क्षेत्र में आते डेरों और आश्रमों की नियमित निगरानी की जाएगी, ताकि वहां कोई गैर-कानूनी गतिविधि न हो सके। इस जवाब के साथ ही नियमित निगरानी के संबंध में आदेश जारी कर केस का निपटारा कर दिया था।

न डेरे की मीटिंग पर नजर, न हथियारों पर
याचिका में कहा गया है कि अगर पंजाब व हरियाणा सरकार ने कोर्ट के उन आदेशों की ईमानदारी से पालना की होती तो डेरा प्रमुख प्रकरण में इतना नुक्सान नहीं होता। सरकारों को समय-समय पर डेरों की सर्च करनी चाहिए थी। 25 अगस्त, 2017 को डेरा प्रमुख के गनमैनों के पास गैर-लाइसैंसी मशीन-गनें, गोलियां, पिस्टल आदि थे। यह सब डेरे से बाहर आए थे। घटना से पहले डेरे में अहम मीटिंग की बात सामने आई थी। ऐसे में डेरे की गैर-कानूनी गतिविधियों पर नजर नहीं रखी गई। यही नहीं 25 अगस्त की घटना के बाद 15 दिनों की देरी की गई और अपराधियों को अनेक अवसर दिए गए कि डेरे से गैर-कानूनी हथियार व गोला-बारुद डेरे से हटाया जा सके।

नामचर्चा घर व डेरों से मिले हथियार
याचिका में कहा गया है कि बीते 25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम प्रकरण के दौरान हरियाणा व पंजाब में जान-माल का भारी नुक्सान हुआ। जिसे लेकर कई मामले भी दर्ज किए गए। पंजाब व हरियाणा में नाम चर्चा घर व डेरों से पैट्रोल बम्ब, विस्फोटक और हथियार बरामद हुए।