प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं को लेकर भिवानी में हुई राज्य स्तरीय विशेष बैठक

6/29/2021 9:16:14 AM

भिवानी(अशोक): भिवानी में आज प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के द्वारा प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की समस्याओं को लेकर राज्य स्तरीय स्कूल संचालकों की विशेष बैठक बुलाई गई ।इस बैठक में एसोसिएशन के पदाधिकारियों व स्कूल संचालकों ने शिरकत की । राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामअवतार शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के चलते करीब 2 वर्ष हो गए हैं,की स्कूल संचालक और स्कूलों में कार्यरत अध्यापक व अन्य कर्मचारी तनाव में आ रहे हैं,मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।

काफी दिनों से स्कूल बंद है, स्कूलों में अभिभावक फीस जमा नहीं करवा रहे हैं,जिसके चलते प्राइवेट शिक्षण संस्थानों के समक्ष बड़ा संकट गहरा गया है। इसलिए आज प्राइवेट स्कूल संचालकों की विशेष बैठक बुलाई गई है और इस बैठक में निर्णय लेकर सरकार के समक्ष से वे अपनी आवाज उठा रहे हैं,की प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को आज बड़े पैकेज की जरूरत है । जिस प्रकार से किसानों ,उद्योगपतियों व व्यापारियों को जो राहत पैकेज दिए गए हैं ,उसी प्रकार कोविड-19 की मार से गुजर रहे प्राइवेट शिक्षण संस्थानों को भी सरकार बड़ा पैकेज दे ,ताकि प्राइवेट स्कूल इस संकट की घड़ी में आगे चलकर गुणात्मक शिक्षा को बल दे सकें और प्रदेश भर में प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में जो काम करने वाले करीब आठ लाख कर्मचारी हैं ,जिन को समय पर वेतन मिल सके।

रामअवतार शर्मा ने कहा कि सरकार स्कूलों को जल्दी खोलने का काम करें तथा 134 ए का बकाया जो पैसा है उसे प्राइवेट स्कूलों को देने का काम करें । उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूलों के पास अब तक 134 ए के तहत जो बच्चों को पढ़ाया जाता है वह पैसा अब तक नहीं पहुंच पाया है। इन तमाम बातों को लेकर वे हरियाणा के मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से मिल चुके हैं। लेकिन सरकार प्राइवेट स्कूलों की समस्याओं को हल्के में ले रही है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन स्कूलों की समस्याओं को लेकर चुप नहीं बैठेगी। जल्द ही राज्य स्तर की कोर ग्रुप की जो बैठक में बड़ा फैसला लिया जाएगा और इस बड़े फैसले में सरकार को शिक्षण संस्थानों की ओर ध्यान देना पड़ेगा ।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार के द्वारा स्कूलों को जल्दी नहीं खोला गया और एसएलसी मामले में सरकार ने ठोस कदम नहीं बढ़ाया, तो प्रदेश भर में उनका बड़ा आंदोलन हो सकता है  जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि सरकार का हरियाणा अलर्ट  केवल प्राइवेट स्कूलों के ऊपर ही लागू होता है, बाकी रोडवेज की बसों में 60-60 की सवारी बैठ कर जाती है, मॉल व  मार्केट में भारी भरकम भीड़ उमड़ रही है। उन पर कोई हरियाणा अलर्ट नहीं । कहा कि बच्चों के अभिभावको के जरिए भी उनके घर में बच्चा को कोविड शिकार बना सकता है। 

यदि बच्चा सुरक्षित है तो वह प्राइवेट स्कूलों में सुरक्षित है और साथ-साथ में वह गुणात्मक शिक्षा से जुड़ा रहेगा । कोविड-19 के चलते उन्होंने कहा कि सरकार की लचर नीतियों के कारण  शिक्षा का ढांचा दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है । इसलिए सरकारे प्राइवेट शिक्षण संस्थानों की समस्याओं को हल करने के लिए टेबल पर बैठ कर तालमेल कमेटी से बात करें और उनकी समस्याओं को जाने और  हल निकालने का काम करें ,क्योंकि आज प्राइवेट स्कूल भी हर प्रकार की समस्याओं से गुजर रहे हैं । स्कूल संचालकों को कहीं पर बसों का लोन भरना है या फिर कई प्रकार के लोन शिक्षण संस्थानों में लिए हुए हैं वे भरने हैं, वाहनों की आयु सीमा खत्म हो रही है ,बिजली के बिल भारी-भरकम पहुंचे हुए हैं और अध्यापकों को वेतन देना है ।

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Content Writer

Isha