प्रदेश में 1098 करोड़ खर्च कर खेतों तक पहुंचाया जाएगा एस.टी.पी. का पानी

2/3/2020 10:02:10 AM

चंडीगढ़(गौड़): हरियाणा में अब सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट (एस.टी.पी.) से निकलने वाले पानी से सिंचाई की जाएगी। इसके लिए सिंचाई व जल संसाधन विभाग ने स्कीम तैयार कर ली है जिसके तहत उन एस.टी.पी. से निकलने वाले पानी को सिंचाई हेतु इस्तेमाल में लाया जाएगा जिन्हें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने इंस्टाल किया है।  इस प्रोजैक्ट पर सिंचाई और जल संसाधन विभाग ने 1,098 करोड़ खर्च करने की तैयारी कर ली है। हरियाणा राज्य सूखा राहत और बाढ़ नियंत्रण समिति की 51वीं मीटिंग में विभाग ने प्रैजैंटेशन दी। 

योजना यह है कि तीन विभागों तहत जितने भी एस.टी.पी. आते हैं वहां से ट्रीट पानी को नाले में फैंकने की बजाय किसानों के खेतों में भेजा जाएगा। इस बारे में सिंचाई और जल संसाधन विभाग पहले ही पॉलिसी तैयार कर चुका है। अब पॉलिसी के आधार पर एस.टी.पी. से निकलने वाले पानी को खेतों तक भेजने की तैयारी चल रही है। गौरतलब है कि 4 जनवरी को समिति की 51वीं मीटिंग में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी निर्देश दिए थे कि नालियों में बर्बाद होने वाली पानी को सिंचाई हेतु इस्तेमाल करने पर फोकस रखा जाए।

हर जिले से शॉर्टलिस्ट होंगे 5 तालाब
सिंचाई और जल संसाधन विभाग जल्द तालाबों को अपग्रेड करने पर काम शुरू करेगा। मुख्यमंत्री के निर्देशों पश्चात विभाग हर जिले में कम से कम 5 तालाबों को अपगे्रड करने की योजना बना रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार हर जिले में एक तालाब को पायलेट मॉडल के तौर पर प्रोजैक्ट किया जाए। इसके बाद अब हर जिले से कम से कम 5 तालाबों को चिन्हित करने का काम शुरू किया जा रहा है। 

मानसून सीजन से पहले अधिकांश प्रोजैक्ट पूरे किए जा सकें इसके लिए सिंचाई और जल संसाधन विभाग को विभिन्न स्कीम्स हेतु बोर्ड से अप्रूवल मिलने के बाद अन्य प्रशासकीय मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी। विभाग के अधिकारियों अनुसार इसके लिए मुख्यमंत्री ने भी निर्देश दे दिए हैं। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि मानसून सीजन में होने वाले नुकसान को जितना हो पाए कम किया जा सके। 

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vinod kumar