बाल मजदूरी के खिलाफ चलाया अभियान, 10 बच्चों को करवाया मुक्त

9/26/2019 11:20:07 AM

पुन्हाना (ब्यूरो): राज्य अपराध शाखा गुरुग्राम, चेतनालय चाइल्ड लाइन व सिटी चौकी पुलिस की  सयुंक्त टीम  ने बुधवार को पुन्हाना शहर में बाल मजदूरी के खिलाफ अभियान चलाया। ऐसे में टीम द्वारा 10 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया। छापेमारी के दौरान लगातार हिदायत देने के बाद एक मिष्ठान भंडार पर बार बार नाबालिग बच्चो द्वारा मजदूरी कराते पाये जाने पर टीम ने सिटी चौकी पुलिस को मिष्ठान भंडार संचालक के खिलाफ कार्यवाहीं की शिकायत दी। साथ ही बाकी जिन दुकानों पर पहली बार बच्चे काम करते पाए गए उन दुकान मालिको को भी कड़ी चेतावनी दी गई व बच्चों के अभिभावकों से इन बच्चों को पढाने के लिए आग्रह किया। सभी अभिभावकों एवं दुकानदारों ने बाल मजदूरी नही कराने का निर्णय लिया। टीम ने इस दौरान बच्चो के अभिभावकों से आह्वान करते हुए कहा कि जिन बच्चों के अभिभावक अपने बच्चो को शिक्षा ग्रहण कराने में सक्षम नहीं है, उन बच्चो को संस्था शिक्षा ग्रहण कराने के साथ साथ उनका पालन पोषण करायेगी।

राज्य अपराध शाखा गुरूग्राम की एएचटीयू से नन्दकिशोर व चेतनालय चाईल्ड़ लाईन  से सागर के साथ पुन्हाना सिटी चौकी से एएसआई ओमपाल, हैड कांस्टेबल चरण सिंह  की सयुंक्त टीम ने दुकानों पर काम करने वाले  कम आयु के बच्चों का रेस्क्यू किया। ऐसे में दस  बच्चे कबाड़े, मिठाई की दुकान, बाइक, बैल्डिंग, कार मिस्त्री, सब्जी विक्रेता आदि की दुकान पर काम करते पाए गए। सभी बच्चों को दुकानों से लाया गया।  राज्य अपराध शाखा व चेतनालय टीम ने बच्चों को बाल कल्याण समिति नूंह के सदस्य विनोद कुमार के सामने पेश किया। विनोद कुमार मैम्बर बाल कल्याण समिति ने दुकानदारों व अभिभावको को बुलाया। ऐसे में शहर के जमालगढ़ रोड़ स्थित एक मिष्ठान विक्रेता को बार बार हिदायत देने के बाद भी दुकान पर लगातार मिल रहे नाबालिग बच्चों के कारण टीम ने सिटी चौकी पुलिस लिखित रूप में कार्यवाहीं करने की शिकायत दी गई।

इसके अलावा ऐसे में अन्य दुकानदारों को सख्त हिदायत दी गई कि कोई भी दुकानदार अपनी दुकानों पर छोटे बच्चों से मजदूरी ना कराए, यह एक अपराध है। आज हिदायत देकर छोड़ा जा रहा है, भविष्य में यदि दोबारा इन दुकानों पर बच्चों से काम लिया गया तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी।इसके अलावा अभिभावकों को सख्त हिदायत दी कि वे बच्चों को मजदूरी पर ना भेजकर स्कूलों में भेजे। बच्चो के ये दिन पढ़ते लिखने के होते है। जिसमे थोड़े लालच के लिए दुकानों पर नौकरी कराते है।  जिस पर दुकानदारों और अभिभावको ने आश्वासन दिया कि आगे से बच्चों को काम नही करवाएंगे व न ही काम करने देंगे। 

Isha