पराली जलाने की समस्या जड़ से होगी खत्म, पीएम मोदी ने पानीपत को समर्पित किया 2G इथेनॉल संयंत्र
8/10/2022 8:11:37 PM
पानीपत(सचिन): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत में 900 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार दूसरी पीढ़ी (2जी) के एक इथेनॉल संयंत्र को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से पानीपत को यह सौगात दी। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि, पानीपत में 2जी इथेनॉल संयंत्र देश में जैव ईंधन के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इससे किसानों को काफी फायदा होगा। देश में जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने और उसके उत्पादन में बढ़ोतरी करने के मकसद से इस प्लांट को तैयार किया गया है। सरकार के बीते कुछ वर्षों की कोशिशों की लंबी सीरीज का हिस्सा है।
पीएम बोले शॉर्टकट अपनाने वालों के साथ होता है शॉर्ट सर्किट
पीएम मोदी ने कहा कि, शॉर्टकट अपनाने वालों को कुछ समय के लिए वाहवाही भले ही मिल जाए, राजनीतिक फायदा भले मिल जाए, लेकिन समाधान नहीं मिलता। शॉर्टकट अपनाने से शॉर्टसर्किट जरूर होता है। यही वजह है कि हमारी सरकार हमेशा परमानेंट सॉल्यूशन पर काम करती है। पराली को लेकर कई बार बातें हुईं, लेकिन कोई भी सरकार इसका समाधान नहीं दे पाई। हर सरकार ने पराली के समाधान को लेकर शॉर्टकट अपनाने का काम किया है। लेकिन बीजेपी सरकार ने किसानों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए पानीपत में आधुनिक तकनीक से लैस इथेनॉल संयंत्र की स्थापना की है।
हर साल 2 लाख टन पराली का इस्तेमाल कर बनेगी 3 करोड़ लीटर इथेनॉल
पानीपत में इंडियन ऑयल का 2जी इथेनॉल प्लांट अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जो कि मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) के साथ सम्मिश्रण हेतु सालाना 2 लाख टन धान के भूसे (पराली) का उपयोग कर 3 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन कर भारत में वेस्ट टू वेल्थ के प्रयासों का एक नया अध्याय जोड़ेगा। यह एशिया में अपनी तरह का पहला संयंत्र है। भारत सरकार के 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडेड मोटर स्पिरिट (EBMS) के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इस संयंत्र से उत्पादित इथेनॉल को मोटर स्पिरिट (पेट्रोल) के साथ मिश्रित किया जाएगा।
संयंत्र के चालू होने पर सैकड़ों लोगों को मिलेगा रोजगार
इंडियन ऑयल की पानीपत रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स से लगभग 1.5 किमी की दूरी पर 909 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित प्लांट के संचालन के लिए 200 से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस परियोजना में इथेनॉल उत्पादन इकाइयों, उपयोगिता उत्पादन प्रणालियाँ शामिल हैं। यह एक शून्य तरल निर्वहन सुविधा होगी। मेसर्स प्राज इंडस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा विकसित 'इन्फिनिटी' तकनीक पर आधारित, यह परियोजना भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए एक बड़ी छलांग है।
पराली जलाने की समस्या का होगा समाधान
इस परियोजना से कई सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ प्राप्त होंगे। किसानों से कृषि अवशेषों के संग्रह से उनकी प्रत्यक्ष आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। संयंत्र की फीडस्टॉक, जिसकी सालाना आवश्यकता, लगभग 2 लाख टन पराली है, को लगभग 90,000 किसानों से एकत्र किया जाएगा। इस पराली को 60 किलोमीटर के दायरे में विकेंद्रीकृत संग्रह डिपो के माध्यम से एकत्र किया जाएगा। यह सोर्सिंग प्रक्रिया इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों में लगभग 1050 नौकरियों का सृजन करेगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस इकाई की स्थापना के साथ, पराली जो खेतों में जलाई जा रही थी, अफीडस्टॉक के रूप में उपयोग की जाएगी। इससे ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में भग 3,00,000 मीट्रिक टन की उल्लेखनीय कमी आएगी।
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