NIT के होस्टल में छात्र ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में जाहिर की अंतिम इच्छा

8/10/2017 10:39:22 AM

कुरुक्षेत्र(रणदीप रोड):धर्मनगरी कुरुक्षेत्र स्थित देश के नामी संस्थान NIT के होस्टल में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। मरने से पहले छात्र ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। सूचना के बाद पुलिस ने मौके में पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार एन.आई.टी. के होस्टल नंबर-दस में उस समय सनसनी फेल गई जब भूटान निवासी तृतीय वर्ष के छात्र नाम्जयील ने फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक के दोस्तों के अनुसार मृतक कुछ समय से डिप्रेशन में था, लेकिन कभी इसका अहसास नहीं होने देता था। उसे इस बात का दु:ख था कि उसके मां-बाप अलग हो चुके हैं। उसके मां-बाप का तलाक हो गया है। परिवार में मां ही उसकी व बहन की परवरिश कर रही थी। जबकि एक बहन की शादी हो चुकी है। तलाक के बाद पिता खर्च भी नहीं देता था। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब थी। कुछ मदद जीजा करते थे।

दोस्तों के मुताबिक मंगलवार को उसे सूचना मिली कि उसके मामा की मौत हो गई। इससे वह दु:खी हो गया। सिरदर्द की बात कह कर वह रूम पर चला गया। तब सभी यही सोच रहे थे कि शायद असल में सिरदर्द हुआ है, लेकिन किसी को अहसास नहीं था कि वह आत्महत्या जैसा कदम उठा रहा है। दोपहर ढाई बजे के बाद से वह कमरे से बाहर ही नहीं आया। रोजाना क्लास के बाद बॉस्केटबाल खेलने जाता था, लेकिन ग्राउंड में भी नहीं पहुंचा अौर न ही रात को मैस में खाना खाने आया।

सुसाइड से पहले नाम्जयील वांगेल ने चार पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है। इसमें मां को लिखा कि वह उससे काफी प्यार करता है। माफी मांगते हुए लिखा वह कुछ अच्छा नहीं कर पाया। वह कई दिक्कतों से घिरा है। इसके चलते उसका दिल चीख रहा है। आखिर में नाम्जयील ने लिखा है कि दूसरे देश में उसकी मौत हो रही है, इसके लिए माफी। वहीं उसने यह भी लिखा है कि हो सके तो उसे जलाना मत बल्कि दफना देना। नाम्जयील ने लिखा कि उसे नहीं पता होगा कि उसके शरीर के साथ क्या किया, लेकिन हो सके तो जलाने की बजाय दफनाना।

एनआईटी प्रशासन ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने भूटान दूतावास में सूचना दी। उधर दोस्तों ने भूटान में परिवार को बताया। हालांकि उसकी मां को उसकी मौत की खबर नहीं दी। इस संबंध में उसके जीजा को ही बताया गया। बहन व जीजा ने भूटान एंबेसी से गुहार लगाई कि उसका पोस्टमार्टम न कराया जाए। गत शाम करीब चार बजे रायल भूटान एंबेसी के दो अधिकारी पेमो गेलेस्तेन व चेकू दोरजी कुरुक्षेत्र पहुंचे। परिवार का संदेश एन.आई.टी. डायरेक्टर व पुलिस को दिया। उन्होंने पूछा क्या बिना पोस्टमार्टम शव नहीं मिल सकता। इस पर जांच अधिकारी कुलदीप सिंह ने असमर्थता जताई। डॉ. एस.के. अरोड़ा के नेतृत्व में बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। देर शाम नाम्जयील के साथी एंबेसी अधिकारियों के साथ शव लेकर दिल्ली रवाना हुए।