विद्यार्थियों ने CBSE की तर्ज पर हरियाणा बोर्ड में परीक्षा लेने की मांग

11/7/2019 11:11:29 AM

रतिया (ललित) : हरियाणा बोर्ड से कक्षा 10वीं व 12वीं की परीक्षा देने वाले प्रदेश के विद्यार्थी बोर्ड से उत्तीर्ण प्रणाली में परिवर्तन की मांग कर रहे हैं। विद्यार्थियों का मानना है कि देश के अनेक राज्यों के साथ पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली आदि राज्यों की अपेक्षा हरियाणा बोर्ड से पास होना अति कठिन है। इसी कारण हरियाणा बोर्ड से बच्चे पलायन कर अन्य बोर्ड से परीक्षा देना अधिक पसंद करते हैं परंतु इस बात को लेकर न छात्र संघ, न अध्यापक संघ, न बोर्ड और न सरकार गम्भीर हैं।

अगर सरकारी स्कूलों के परिणामों पर नजर दौड़ाई जाए तो देखने को मिलेगा कि हर वर्ष पास परिणाम प्रतिशत गिरता जा रहा है जिस कारण प्रदेश के हजारों विद्यार्थी अपनी शिक्षा अधूरी छोड़ देते हैं। अगर सरकार आंकड़ों की ओर गम्भीरता से देखे तो पता चलेगा कि कक्षा 10वीं में अगर 100 विद्यार्थी परीक्षा देते हैं तो मात्र 30-35 बच्चे ही आगे की कक्षा में प्रवेश लेते हैं। शेष 65-70 बच्चे क्या करते हैं, किसी को कोई खबर नहीं। इतनी संख्या में बच्चों का शिक्षा बीच में ही छोड़ देना बड़ा सवाल है। हाल ही में सी.बी.एस.ई. ने विद्यार्थियों को उत्तीर्ण प्रणाली में परिवर्तन कर बड़ी राहत दी है।

सी.बी.एस.ई. की 10वीं कक्षा में पास होने की राह विद्यार्थियों के लिए आसान कर दी है। बोर्ड की ओर से 10वीं कक्षा पास करने के नियमों में बदलाव किया गया है। नए नियमों से कमजोर विद्यार्थियों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है। नए नियमों से सी.बी.एस.ई. से परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों में जहां खुशी का माहौल है, वहीं हरियाणा बोर्ड के विद्यार्थियों में मायूसी छाई है। उनका कहना है कि 10वीं कक्षा में पास होना उनके लिए अधिक मुश्किल नहीं रहेगा। इससे पहले थ्योरी के साथ इंटर्नल असैस्मैंट या प्रैक्टिकल में भी विद्यार्थियों को 33 फीसदी अंक हासिल करने होते थे। इसके चलते कमजोर विद्यार्थियों को पास होने मुश्किल होता है। 

कई विद्यार्थी तो मानसिक तनाव का शिकार हो जाते थे लेकिन अब ऐसे विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। हरियाणा बोर्ड के विद्यार्थियों की मांग है कि सी.बी.एस.ई. की तर्ज पर हरियाणा बोर्ड के उत्तीर्ण नियमों में परिवर्तन किया जाए। इनका कहना है कि 2 विषयों में फेल विद्यार्थियों को कम्पार्टमैंट दी जाए। अगली कक्षा में प्रवेश के साथ कम्पार्टमैंट विषयों को पास करने के 2 अवसर दिए जाएं। इनका कहना है कि कुछ समय पूर्व बोर्ड का यह नियम था जिस कारण विद्यार्थियों को पास होना आसान लगता था। इनकी मांग है कि स्कूल द्वारा लगाई जाने वाली असैस्मैंट के अंकों को मिलाकर पास किया जाए ताकि विद्यार्थी आसानी से परीक्षा पास कर सकें। विद्यार्थियों का कहना है कि जब असैस्मैंट के अंकों को जोडऩा ही नहीं तो यह प्रणाली बंद कर केवल 100 अंकों का पेपर ही क्यों नहीं लिया जाता। बोर्ड द्वारा 100 अंकों का पेपर ही लिया जाए।

स्कूल संगठनों का तर्क
निजी स्कूल संगठन के ब्लाक प्रधान तरसेम चंद जिंदल का कहना है कि हरियाणा बोर्ड से 10वीं कर रहे उन विद्यार्थियों को गणित विषय से छूट मिलनी चाहिए जिन्होंने 11वीं में गणित लेना ही नहीं है। जिस विद्यार्थी ने अपनी आगे की उच्च शिक्षा में गणित लेना ही नहीं, उसे भी 10वीं में गणित पास करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा बोर्ड ऐसे बच्चों को गणित विषय पास करने में छूट दे तो ऐसा करने से प्रदेश के हजारों बच्चों को लाभ मिलेगा। 

हम अगर बोर्ड के पिछले परिणामों पर नजर डालें तो ऐसे हजारों विद्यार्थी हैं जो गणित की वजह से फेल हो गए और आगे की पढ़ाई बीच में ही छोड़ गए। जिंदल का कहना है परिणाम बोर्ड के पास है। इस बात के तथ्य बोर्ड के पास मौजूद हैं कि 10वीं के अंदर प्रदेश के कितने विद्यार्थी परीक्षा देते हैं। जो विद्यार्थी 10वीं में फेल होते हैं, कितने विद्यार्थी पुन: प्रवेश लेते हैं और कितने पढ़ाई छोड़कर घर बैठ जाते हैं। जिंदल ने कहा कि बोर्ड अगर विद्यार्थियों के प्रति थोड़ा नरम रवैया अपनाए तो प्रदेश के हजारों बच्चे जो 10वीं के गणित की वजह से फेल होकर बैठ जाते हैं, वे पढ़ाई आगे जारी रख सकेंगे।

Isha