UIET के इलेक्ट्रिकल विभाग के छात्रों ने तैयार किया खास चश्मा, सड़क हादसों में आएगी कमी

9/16/2022 5:41:00 PM

रोहतक (सोनू भारद्वाज) : सड़क पर दौड़ते वाहन में सवार यात्री अब नींद की वजह से झपकी आने से होने वाले हादसों से सुरक्षित रह सकते हैं। अब चालक को झपकी नहीं आएगी और न ही इसकी वजह से हादसे होंगे। इसके लिए हरियाणा के एमडीयू रोहतक यूआईईटी के इलेक्ट्रिकल विभाग के छात्रों ने एक खास चश्मा तैयार किया है। इसमें लगा एंटी स्लीपिंग ग्लास झपकी आने पर वाहन चालक को सचेत करेगा। बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र हिमांशु व साक्षी ने एंटी स्लीपिंग ग्लास तैयार किया है। इस उपकरण बनाने के आइडिया विद्यार्थियों को अकसर झपकी आने से होने वाले सड़क हादसे व उसमें जान जाने की घटनाओं को देखकर आया। 

बता दें कि देश में हर साल करीब 1500 हादसे झपकी आने की वजह से होते हैं। उत्तर प्रदेश में गत दिनों बस चालक को झपकी आने से इसमें सवार 30 लोगों की मौत हो गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए अपनी सोच को साकार करने का प्रयास किया तो चश्मा बनाना बेहतर लगा।


जानें कैसे काम करता है चश्मा   


चश्मा पहनने के बाद चालक नींद की झपकी से निश्चित हो सकता है। इसे फिट प्रोग्रामिंग के तहत दो पल के लिए पलकें झुकी रहेगी तो चश्मा वाइब्रेट करने के साथ आवाज भी करेगा। इसके लिए आईआर सेंसर लगाया गया है। यह सेंसर आंखों की हरकत को पढ़ता है। पलकों को झपकने पर फोकस रखता है। चश्मे का सेंसर आर्ड्रिनो को सिग्नल भेजता है।आर्ड्रिनो पलकें झपकाने का निर्धारित समय जांच कर संदेश बजर व वाइब्रेटर को देगा। इससे चालक सचेत हो जाएगा और हादसा टल सकेगा। साथ ही इसे मोबाइल से भी जोड़ा जा सकता है। इससे चालक के अलावा वाहन में सवार दूसरा व्यक्ति भी चालक की झपकी पर नजर रख सकेगा। 

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Content Writer

Manisha rana