सुभाष बराला के रिश्तेदार पर किडनैपिंग के आरोप साबित नहीं पर जांच जारी:रिपोर्ट

9/1/2017 12:24:16 PM

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र):बी.जे.पी. के स्टेट प्रैजीडैंट (हरियाणा) सुभाष बराला के बड़े भाई के पौते पर नाबालिग लड़की की किडनैपिंग के आरोपों को लेकर कार्रवाई की मांग वाली याचिका पर हाईकोर्ट के आदेशों पर एस.पी. फतेहाबाद कुलदीप सिंह ने स्टेटस रिपोर्ट दायर की है। जिसमें जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए याची पक्ष के आरोपों को गलत बताया गया है। पुलिस स्टेशन सदर, टोहाणा में 8 मई, 2017 को पीड़िता के ताया की शिकायत पर किडनैपिंग की धाराओं में केस दर्ज हुआ था। दायर याचिका में मांग की गई है कि 8 मई, 2017 को किडनैपिंग की धाराओं में थाना सदर, टोहाणा, फतेहाबाद में निष्पक्ष जांच के आदेश जारी किए जाने की मांग की गई है। 

वहीं मांग की गई है कि जांच एजैंसी को आदेश जारी किए जाए कि विक्रम, सन्नी, कुलदीप व संजू के खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं मांग की गई है कि हरियाणा सरकार, एस.पी. फतेहाबाद को आदेश जारी हों कि संबंधित केस किसी वरिष्ठ अधिकारी या स्वतंत्र जांच एजैंसी को सौंपा जाए, क्योंकि आरोपी टोहाणा चुनावी क्षेत्र से मौजूदा विधायक के नजदीकी संबंधी हैं। उन्हीं के प्रभाव के चलते आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। केस की अगली सुनवाई 13 सितम्बर को होगी।

दायर रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरूआत में जांच थाने के एस.आई. करम सिंह को दी गई थी। जांच में पीड़िता के स्कूल से उसकी उम्र पता की गई। उसके बाद मौके पर जाकर साइट प्लान तैयार कर शिकायतकत्र्ता चाचा के सी.आर.पी.सी. 161 के तहत बयान दर्ज किए गए। आरोपी विक्रम और कुलदीप को जांच में शामिल किया गया। जिसके बाद केस की जांच महिला ए.एस.आई. सर्बजीत कौर को सौंपी गई जो वूमैन सैल, टोहाणा में कार्यरत हैं। महिला जांचकत्र्ता ने पीड़िता के बयान दर्ज किए। जिसमें उसने बताया कि वह बालिग है और बी.ए. फस्र्ट ईयर में है। उसने बयानों में कहा कि उसके रिश्तेदार ने उसके गले में रस्सी बांध और मुंह में कपड़ा डाल मारने की कोशिश की तथा जबरन उससे सुसाइड नोट लिखवाया। 

पीड़िता ने कहा कि उसका संयुक्त परिवार है और इस दौरान उसके ताया (शिकायतकत्र्ता) भी वहां मौजूद थे। पीड़िता ने कहा कि उसके पिता की मौत हो चुकी है और वह अकेली संतान है। इसलिए उसके रिश्तेदार प्रॉपर्टी हथियाना चाहते हैं। मेरी मां कुछ नहीं कर सकती। पीड़िता ने अपने बयान इलाका मैजिस्ट्रेट के समक्ष भी सी.आर.पी.सी. 164 के तहत दर्ज करवाए थे। अन्य गवाहों के भी बयान दर्ज किए गए। जिससे आरोपी विक्रम और कुलदीप का कोई रोल सामने नहीं आया। कोर्ट में दायर अर्जी के आधार पर पीड़िता को नारी निकेतन भेज दिया गया था।