सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज के मामले की सुनवाई 6 सितंबर तक टली

8/30/2018 9:13:13 PM

चंड़ीगढ़ (धरणी): महाराष्ट्र में जनवरी में हुई भीमा कोरेगांव में दलितों के साथ हुई हिंसा के मामले में मंगलवार को हरियाणा के फरीदाबाद के बदरपुर बॉर्डर के पास गिरफ्तार की गई सामाजिक कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज के ट्रांजिट रिमांड मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई 6 सितंबर तक स्थगित कर दी है।

वीरवार को जैसे ही मामले की सुनवाई शुरू हुई हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर तक इनकी ट्रांजिट रिमांड पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को प्लेस ऑन रिकॉर्ड करते हुए मामले की सुनवाई 6 सितंबर तक स्थगित कर दी।

ज्ञात रहे कि मंगलवार को जस्टिस अरविन्द सिंह सांगवान ने देर रात अपने घर पर ही इस मामले की सुनवाई करते हुए सुधा के ट्रांजिट रिमांड पर रोक लगा कर हाउस अरेस्ट के निर्देश दिए थे। जस्टिस सांगवान ने हरियाणा पुलिस को आदेश दिए थे कि अगर सुधा भारद्वाज को फरीदाबाद के इलाका मजिस्ट्रेट/ड्यूटी मजिस्ट्रेट/चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर ट्रांजिट रिमांड की मांग की जाये तो एफ.आई.आर. के कॉन्टेंट्स की पूरी जांच कर ही आदेश दिए जाएं। तब तक सुधा भारद्वाज को उनके घर से जहां से उन्हें गिरफ्तार किया गया है, वहीं पर सूरजकुंड पुलिस की निगरानी में रखे जाने के आदेश दिए गए थे।



वहीं भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में जांच के सिलसिले में देशभर में छापे मारकर कई बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने को लेकर विभिन्न युनियनो के सदस्यों ने फरीदाबाद के बीके चौक पर केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रर्दशन किया। प्रर्दशन कर रही युनियनों के पदाधिकारियों ने कहा कि जब भी बीजेपी सरकार का देश में विरोध होता है तो इस तरह के मुद्दों को सामने लाकर राजनीति करती है।

गौरतलब है कि भीमा-कोरेगांव  हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मानवाधिकारी कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज सहित पत्रकार गौतम नवलखा, तेलुगु कवि वरवर राव, लेक्चरर वेरनॉन गोंजाल्विस और वकील एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता अरुण फरेरा को पुलिस ने मंगलवार को अरेस्ट किया था। भारद्वाज और नवलखा पहले से हाउस अरेस्ट में हैं। अन्य तीन भी 6 सितंबर तक नजरबंद रहेंगे।

Shivam