2 बच्चों की मां अब चीन में दिखाएगी अपना दमखम, पैरा एशियन गेम्स में हुआ चयन
10/19/2023 7:12:51 PM
पानीपत (सचिन शर्मा) : 2023 के एशियन गेम्स में देश के खिलाड़ियों ने अपना परचम लहरया। अब 22 अक्टूबर से चीन में पैरा एशियन गेम्स होने जा रही है। पानीपत के सिवाह गांव की बहु सुमन पैरा एशियन गेम्स में अपना जौहर दिखाएंगी। एशियन पैरा गेम्स में सुमन का वेटलिफ्टिंग में चयन हुआ है। सुमन का पैरा एशियाई गेम में चयन होने के बाद परिवार और गांव में खुशी का माहौल है और बधाई देने आने वालों का घर पर तांता लगा हुआ है। परिवार को सुमन से पूरी उमीद है कि वो देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर ही वापस लौटेंगी। सुमन हरियाणा से पैरा एशियाई गेम्स में भाग लेने वाली इकलौती महिला खिलाड़ी हैं।
वॉलीवाल छोड़कर चुना वेटलिफ्टिंग
सुमन ने 2021 में ही वेट लिफ्टिंग की तैयारी करना शुरू किया था। लेकिन सुमन की महेनत और लगन की वजह से वह बहुत की कम समय में इस मुकाम पर पहुंच गई और एशियन गेम्स में उसका सेलेक्शन हुआ। आज दिल्ली से सुमन चीन के रवाना हुई है। 22 अक्टूबर सुमन एशियाई खेलों में हिस्सा लेंगी।
पति ने बढ़ाया हौसला
सुमन ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि पति प्रदीप का साथ मिलने से कुछ कर दिखाने की प्रेरणा मिली। शुरुवात में वो वॉलीवाल गेम खेलती थी। करीब तीन साल तक उन्होंने वॉलीवाल का गेम खेला और गोल्ड मेडल के साथ कई मेडल भी जीते। एक दिन वह अपने पति प्रदीप के साथ वॉलीवाल कॉम्पिटिशन में गए थी, जब उनके पति ने उससे वेट उठवा कर देखा तो पहली बार में काफी सारा वेट उठा लिया। तभी प्रदीप को एहसास हुआ कि वह वेट लिफ्टिंग में नए आयाम स्थापित कर सकती है और बहुत आगे तक बढ़ सकती है।
सुमन के पति प्रदीप बताते हैं कि जब सुमन से वेट उठवाकर देखा तो पहली बार में ही उसने बड़ा वेट उठा लिया और उसे अंदाज़ा हो गया कि सुमन इस खेल में भी बेहतर कर सकती है। तो उसने सुमन को गांव के ही जिम में ट्रेनिंग करवाना शुरू कर दिया। लगातार बेहतर होता देख जिनके कोच को भी लगा कि आने वाला समय कुछ बेहतर होने वाला है तो सुमन की लगन के साथ वह भी उसका साथ देते चले गए। जिम में मात्र अकेली महिला सुमन ही प्रेक्टिस किया करती थी और आज हरियाणा से पैरा एशियाई गेम में हरियाणा को रिप्रेजेंट करने वाली भी वह अकेली महिला खिलाड़ी बनी हैं।
बता दें की सुमन ग्रहणी है और वह पैरों से दिव्यांग है। वह दो बच्चों की माँ है। सुमन शुरुआत में अपना सिलाई सेंटर भी चलती थी और दूसरी बच्चियों को भी सिलाई की ट्रेनिंग देती थी। इसी के साथ-साथ उन्होंने अपना खेलों में करियर चुना और अब अपनी मेहनत के बल पर इंटरनेशनल लेवल तक पहुंच गई है।
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