रोहतक की सुनारिया जेल के आलू हरियाणा की जेलों में हुए मशहूर

4/10/2019 11:24:57 AM

चंडीगढ़ (अर्चना): रोहतक की सुनारिया जेल की जमीन पर उगने वाले आलू पूरे हरियाणा की जेलों में मशहूर हो गए हैं। इन आलुओं की खासियत उनकी किस्म, मिट्टी या खेती की कोई खास टैक्निक नहीं, बल्कि हाई प्रोफाइल राम रहीम के हाथों से बोना और सींचा जाना है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख जेल के कैदियों को आलू उगाने का गुर भी सिखा रहा हैं। राम रहीम को वर्ष 2017 में साध्वियों से बलात्कार के जुर्म में 20 साल कैद की सजा हुई थी।

जेल में राम रहीम को शुरूआत में खेत, बाग-बगीचों को सींचने का काम सौंपा गया था लेकिन कुछ समय बाद उसने खेतीबाड़ी की इच्छा जाहिर की थी। हरियाणा के जेल विभाग ने राम रहीम की फरियाद की सुनवाई करते हुए उसे आधा एकड़ खेत में सब्जियां उगाने का जिम्मा सौंप दिया। एक साल में गुरमीत राम रहीम जेल की जमीन पर आलू के अलावा मूली, गाजर, पालक, गोभी, शलगम, धनिया, टमाटर समेत कई किं्वटल सब्जियां उगाकर कैदियों को परोस चुका है। जेल विभाग के अधिकारियों की मानें तो राम रहीम ने सब्जियों के अलावा जेल की क्यारियां भी सुंदर फूलों से सजा दी हैं।

खेतीबाड़ी और पूजा-पाठ के बाद वह अपना अधिकतर समय धार्मिक कविताएं लिखने में व्यतीत कर रहा है। राम रहीम योग करने के अलावा कैदियों के लिए संगीत बजाने और धार्मिक कविताएं सुनाने का काम भी कर रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि जेल में 20 महीनों में गुरमीत राम रहीम का वजन भी काफी घट गया है। वह पहले मोटा और थुलथुला था लेकिन जेल में खेतीबाड़ी, योग और म्यूजिकल क्लासेज में व्यस्त रहने के बाद उसका मोटापा भी दूर हो गया है। उसके साथ खेती में हाथ बंटाने वाले कुछ और कैदी भी हैं, जिन्हें गुरमीत राम रहीम ने ही आलू, गोभी, गाजर, मूली आदि सब्जियां उगाना सिखाया है। 

अब नहीं खाता कैंटीन का खाना
हरियाणा के जेल विभाग के इंस्पैक्टर जनरल जगजीत सिंह का कहना है कि राम रहीम द्वारा जेल में चूंकि गैर-तकनीकी खेतीबाड़ी का काम किया जा रहा है, इसलिए उसे दिहाड़ी के तौर पर 40 रुपए दिए जाएंगे। फिलहाल, राम रहीम की दिहाड़ी का जेल विभाग द्वारा हिसाब रखा जा रहा है।

राम रहीम के बैंक खाते सील होने की वजह से उसका अभी दिहाड़ी शुल्क उसके बैंक खाते में जमा नहीं करवाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि शुरूआती दिनों में तो राम रहीम जेल की कैंटीन का खाना खाने की फरमाइश करता था लेकिन जबसे उसने खुद खेतीबाड़ी शुरू की है, उसने दूसरे कैदियों की तरह जेल में पकने वाला खाना ही खाना शुरू कर दिया है। 

Shivam