25 गांवों में लागू होगा सुनील जागलान ग्रामीण विकास मॉडल, गांव की गलियों से होकर गुजरेगा विकसित भारत 2047 का सपना
punjabkesari.in Thursday, Jun 19, 2025 - 06:03 PM (IST)

चंडीगढ़ : हरियाणार में सेल्फी विद डॉटर अभियान शुरू करके बेटियों को ग्लोबल पहचान दिलाने वाले सुनील जागलान अब देश के ग्रामीण विकास को नया मॉडल लागू करने जा रहे हैं। विकसित भारत-2047 को आधार बनाकर गांव गलियों से इस युवा ने सुनील जागलान ग्रामीण विकास मॉडल तैयार किया है। जिसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देश के विभिन्न राज्यों के 25 गांवों में लागू किया जाएगा। इसके बाद इसका प्रसार किया जाएगा।
यह मॉडल 15 वर्षों के दौरान 10,000 गांवों की यात्रा, 2000 ग्राम सभाओं के आयोजन तथा 5,000 ऑनलाइन व ऑफलाइन बैठकों के बाद तैयार किया गया है। यह मॉडल न केवल गांवों को आत्मनिर्भर, तकनीकी रूप से उन्नत, और सामाजिक रूप से एकजुट बनाता है, बल्कि शहरी व ग्रामीण भारत के बीच ‘ग्राम स्पर्श’ की भावना को जागृत कर एक सहयोगात्मक सेतु बनाता है।
सुनील जागलान का यह मॉडल उनकी पूर्व पहल, बीबीपुर मॉडल ऑफ विमेन एम्पॉवरमेंट एंड विलेज डेवलपमेंट (2016), का विस्तार है, जिसे राष्ट्रपति भवन ने उनके गोद लिए गांवों में लागू किया था। इस मॉडल को देश के 150 गांवों ने अपनाया, जिसने महिला सशक्तिकरण के माध्यम से ग्रामीण विकास का मार्ग प्रशस्त किया। अब, सुनील जागलान ग्रामीण विकास मॉडल सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय, और तकनीकी पहलुओं को एकीकृत कर एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह मॉडल गांवों को न केवल आत्मनिर्भर बनाता है,बल्कि उन्हें विश्व-स्तरीय नवाचारों जैसे विटामिन डी विलेज, एनीमिया मुक्त गांव, गाली-मुक्त गांव, दिव्यांग फ्रेंडली विलेज , डीजी लॉकर विलेज , नशा शून्य पंचायत , पीरियड फ्रेंडली विलेज , महिला स्टार्टअप्स,कन्या भ्रूण मर्डर पर रोक, और नए गांवों व शहरों के निर्माण के माध्यम से वैश्विक मंच पर चमकाने का वादा करता है।
डिजिटल भारत की झलक पेश करेंगे गांव
इस मॉडल का आधार है सामुदायिक भागीदारी, पारदर्शी शासन, और तकनीकी नवाचार। न्याय पंचायतों के माध्यम से ग्राम पंचायतें सामाजिक न्याय और जवाबदेही का केंद्र बनेंगी, जबकि डिजिटल उपकरणों से उनके कार्य पारदर्शी होंगे। गाँवों में हाई-स्पीड इंटरनेट, स्मार्ट डिवाइस, और एआई-आधारित समाधान जैसे कृषि ऐप्स, टेलीमेडिसिन, और शिक्षा पोर्टल्स लागू होंगे। डिजिटल साक्षरता केंद्र ग्रामीणों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ेंगे।
स्वयं सहायता समूह बनेंगे महिला स्टार्टअप्स
सामाजिक सद्भाव के लिए गाली-मुक्त गांव अभियान गांवों को सम्मानजनक संवाद का प्रतीक बनाएगा। लैंगिक समानता के लिए, महिला स्टार्टअप्स और स्व-सहायता समूहों को वित्तीय और डिजिटल सहायता दी जाएगी, ताकि ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों। कन्या भ्रूण मर्डर पर रोक के लिए जागरूकता अभियान और सामुदायिक निगरानी तंत्र कन्या जन्म को प्रोत्साहित करेंगे।
युवा बनेंगे ग्राम सारथी,गांव की गलियों में दिखाएंगे हुनर
युवाओं को सशक्त बनाने के लिए ‘ग्राम सारथी’ पहल गांव के युवा-युवतियों को डिजिटल साक्षरता, नेतृत्व कौशल और सामुदायिक संगठन का प्रशिक्षण देगी। ये ग्राम सारथी सरकारी योजनाओं और तकनीकी नवाचारों को गांव तक पहुंचाने में मध्यस्थ की भूमिका निभाएंगे। साथ ही विश्वविद्यालय से गांव की ओर कार्यक्रम विश्वविद्यालयी छात्रों को ग्रामीण विकास से जोड़ेगा। छात्र गांवों में इंटर्नशिप और स्वयंसेवी कार्य करेंगे, अपनी विशेषज्ञता (जैसे इंजीनियरिंग, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान) से ग्रामीण परियोजनाओं को समृद्ध करेंगे। बच्चों के लिए बाल हितैषी गाँव सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा उनकी प्राथमिकता हों, जबकि बाल श्रम और बाल विवाह पर रोक लगेगी।
धरातल पर किया काम शुरू
सुनील जागलान ने बताया कि उन्होंने आमजन भागीदारी के सहयोग से इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है। देश के विभिन्न राज्यों से गांवों का चयन शुरू कर दिया गया है। गांवों के चयन के बाद सुनील जागलान ग्रामीण विकास मॉडल को लागू कर दिया जाएगा। सुनील जागलान ने कहा कि इस मॉडल से सविंधान में गॉंव की परिभाषा न नए शहरों की बजाए नए गॉंव बसाने की भारत सरकार की ग्राम दृष्टि की सोच भी बनेगी ।