अरावली क्षेत्र में निर्माण की इजाजत पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को झाड़ा

3/1/2019 5:36:08 PM

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट हरियाणा सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको अरावली क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन चालू करने वाले नियमों लागू करने के लिए नहीं कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को कहा कि ये तो बेहद चौंकाने वाली बात है कि आप जंगल नष्ट कर रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं है। अरावली में निर्माण को मंज़ूरी के मामले में हरियाणा सरकार को चेताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के खिलाफ नया कानून लागू करने की कोशिश ना करें, अगर ऐसी हिमाकत करेंगे, तो आपके खिलाफ अवमानना का मामला चलेगा।

शुक्रवार को जस्टिस अरुण मिश्र की अगुआई वाली बेंच ने हरियाणा सरकार को कहा कि आप सुप्रीम नहीं हैं और कानून का शासन ही सर्वोपरि है। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस नए कानून के जरिए आप अपने चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम जानते हैं कि हरियाणा सरकार की क्या मंशा है, लेकिन कोई भी कानून से ऊपर नही हो सकता है, यह गंभीर मामला है।

बता दें कि हरियाणा सरकार के कदम से हरियाणा में अरावली और शिवालिक की पहाडियों में पेड़ भी काटने और भवन निर्माण भी होने का रास्ता साफ हो गया था। हरियाणा विधानसभा में बुधवार को विपक्ष के विरोध के बावजूद पंजाब भूमि परिरक्षण अधिनियम-1900 में संशोधन किया गया और इस संबंध में संशोधन विधेयक-2019 को पारित कर दिया गया। हरियाणा विधानसभा में भूमि परिरक्षण अधिनियम संशोधन विधेयक पारित किया गया।

इस प्रस्तावित कानून के लागू होने के बाद अरावली संरक्षित क्षेत्र में अवैध निर्माण का बड़ा हिस्सा वैध हो जाएगा। साथ ही, इस क्षेत्र में अब पेड़ काटकर निर्माण करने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में कहा है कि इस विधेयक को एक नवंबर, 1966 से लागू माना जाएगा। हालांकि, कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया है। वहीं, पर्यावरणविदों का कहना है कि इसकी वजह से अरावली की हरियाली नष्ट हो जाएगी. साथ ही, राजस्थान की ओर से आने वाली धूल भरी आंधियों से दिल्ली-एनसीआर का बचाव मुश्किल हो जाएगा।

Shivam