जिंदल विवि गैंगरेप मामला: हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

11/6/2017 4:49:35 PM

सोनीपत(पवन राठी): ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी गैंगरेप केस में आरोपियों के हक में दिए गए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के एक फैसले पर रोक लगा दिया है। मामले में प्रतिवादी पक्ष ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। यह मामला तब सामने आया था जब सोनीपत की ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने अपने साथी पर ब्लैकमेल करके रेप करने का आरोप लगाया था।

यूनिवर्सिटी प्रबंधन के समक्ष शिकायत दर्ज करवा आरोप लगाया था कि, उसका एक पूर्व मित्र हार्दिक सिकरी उसे पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से ब्लैकमेल कर रहा है, क्योंकि उसके पास उसकी एक नग्न फोटो है।  इस फोटो को सावर्जनिक करने की धमकियाँ दे हार्दिक खुद और अपने दो दोस्तों करन और विकास के साथ मिलकर उसका यौन शोषण कर रहा है।

इस मामले में सोनीपत की ट्रायल कोर्ट ने 24 मार्च को हार्दिक और करन को 20 -20 वर्ष और विकास को 7 वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। इसी सजा के खिलाफ इन तीनों दोषी युवाओं ने हाई कोर्ट में अपील की थी। जिसमें हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले में सुनाई गई सजा निलंबित कर दी, लेकिन तीनों युवकों द्वारा पीड़िता को दस लाख रूपए के मुआवजा देने के फैसले को लागू ही रखा। जिसके बाद पीड़िता पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दे दी थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट द्वारा सजाओं के निलंबन को खारिज कर दिया है।

बता दें कि, इस मामले में तीनों आरोपी लॉ के स्टूडेंट हैं और आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाना चाहते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।