SYL पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, 2 मार्च को होगी अगली सुनवाई

2/23/2017 10:57:01 AM

अंबाला:एसवाईएल पर पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक बार फिर से झटका मिला है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले को बेवजह लंबित नहीं रखना चाहता। इसलिए अब नहर निर्माण होना ही चाहिए। पानी कितना है अौर कहां से आएगा यह बाद में तय किया जाएगा। 

पंजाब ने बुधवार को कोर्ट में जवाब सौंपा अौर कहा कि पिछले साल अधिसूचना के बाद किसानों को लौटाई गई जमीन वापस लोना संभव नहीं हैं। दोनों राज्यों के विवाद में केंद्र कभी मध्यस्थ नहीं बना। न वाटर ट्रिब्यूनल गठित किया, न ही विवाद खत्म कराने की कोशिश की। एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट की अोर से राष्ट्रपति को भेजा गया जवाब सिर्फ सुझाव है। पंजाब इसे मामने को बाध्य नहीं। जल समझौते को रद्द करने वाला उसका कानून अब भी लागू है। हरियाणा ने कभी इस एक्ट को चुनौती नहीं दी है। इसलिए कोर्ट के पिछले आदेश अनुसार एसवाईएल निर्माण नहीं कर सकते। पंजाब ने दलील दी कि अगली सुनवाई 11 मार्च को पंजाब चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद की जाए। जस्टिस पीसी घोष ने कहा कि पंजाब में मतदान हो चुका है। ऐसे में एसवाईएल पर कुछ भी निर्णय हो, इसका वहां कोई असर नहीं पड़ेगा। हम मामला जल्द निपटाना चाहते हैं। इसलिए अगली सुनवाई 2 मार्च को ही होगी। पंजाब को समझौते का सम्मान करना चाहिए। कोर्ट का आदेश व डिक्री लागू होनी ही चाहिए। पंजाब सरकार कोर्ट के आदेश का सम्मान करें। हम आखिरी मौका दे रहे हैं।

हरियाणा सरकार ने याचिका दायर कर बताया था कि 10 नवंबर 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2002 व 2004 में दिए फैसले लागू करने को कहा था। जिसके तहत केंद्र को एसवाईएल प्रोजेक्ट पूरा कराने के आदेश जारी किए गए थे। इस फैसले के बाद एसवाईएल नहर विवाद में यथास्थिति बनाए रखने संबंधी सुप्रीम कोर्ट का का आदेश निष्प्रभावी हो गया है। इसका फायदा पंजाब ने उठाया अौर अधिगृहित जमीन किसानों को लौटा दी।