सर छोटूराम को जाटों का बताया था मसीहा, PMO को डिलीट करना पड़ा ट्वीट

10/10/2018 11:37:01 AM

चंडीगढ़ (धरणी) : 9 अक्टूबर को रोहतक के सांपला में रैली के बाद शाम 4.20 पर पीएमओ की तरफ से एक ट्वीट किया गया, जिसमें चौधरी छोटूराम को जाटों का मसीहा बताया गया। इसका भारी विरोध होने पर पीेएमओ द्वारा उसे डलीट कर दिया गया। इस ट्वीट पर सबसे पहले कड़ी प्रतिक्रिया पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील व युवा जाट नेता सुखविंदर नारा ने दी। उन्होंने कहा कि सर छोटूराम एक जाति विशेष नहीं, बल्कि किसान, मजदूर और गरीब सबके मसीहा थे। इसके बाद इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। 

नवीन जयहिंद
इसके अलावा, इस ट्वीट पर अाम अादमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जयहिंद ने भी सरकार को अाड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भाजपा पिछले 4 साल से हरियाणा में जातिवाद फैला रही है। इसके मास्टर माइंड पीएम नरेंद्र मोदी ही है। इस ट्वीट से सब कुछ साफ हो गया है। मैंने पहले ही कहा था कि ये सर छोटूराम का अनादर करने अा रहे हैं। मोदी जी सर छोटूराम को जाटों का मसीहा बता रहे है। लोकिन मोदी जी, सर छोटूराम जाटों के नहीं, बल्कि किसानों, गरीबों, सभी के मसीहा थे। 


वहीं, पीएम मोदी के इस ट्वीट का स्क्रीन शॉट लेकर सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था, जिसके बाद इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। 

 




वहीं, वकील नारा ने कहा है कि इस ट्वीट को डिलीट कर पीएम मोदी द्वारा गलती को स्वीकार कर लिया गया है। लेकिन उन्हें चाहिए कि वे आम जनता से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। सर छोटूराम को केवल एक जाति तक सीमित रखने व उनका रुतबा कम करने का षड्यंत्र बीजेपी ने किया है। बीजपी चुनावों को निकट देख जातीय खेल खेलने पर लगी हुई है, जो हरियाणा में नही चलेगा। 




नारा ने कहा कि हमें गर्व है कि वे जाट थे, लेकिन उससे ज्यादा गर्व इस बात पर है कि वे किसानों, मज़दूरों और गरीबों के मसीहा थे। उन्होंने कभी जाति-पाति का भेदभाव नहीं किया। किसानों और मज़दूरों के अधिकारों और कल्याण के लिए उन्होंने क़ानून बनवाए। पीएम का सामान्य ज्ञान इतना कम कैसे हो सकता है कि सर छोटू राम जैसे व्यक्तित्व को केवल जाटों का मसीहा बताए। यह एक राजनीतिक साजिश है जो सर छोटूराम का कद नीचा करने के लिए भाजपा ने रची है। 




 

Deepak Paul